टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल: खिलाड़ियों की मांग के बिना अंपायर्स ने क्यों लिया था रीव्यू?
टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का पहला दिन बारिश के कारण रद्द होने के बाद दूसरे दिन मैच की शुरुआत हुई और 64.4 ओवर्स का खेल हुआ। भारत ने 146/3 का स्कोर बना लिया है और कप्तान विराट कोहली क्रीज पर बने हुए हैं। दूसरे सेशन के खेल में कोहली के खिलाफ एक रीव्यू लिया गया था, लेकिन इसके लिए खिलाड़ियों ने कोई मांग नहीं की थी। आइए जानते हैं फिर क्यों यह रीव्यू लिया गया था।
क्या है पूरा मामला?
पारी के 41वें ओवर में बोल्ट की गेंद पर कोहली के खिलाफ कैचआउट की अपील की गई थी। कीवी खिलाड़ी काफी निश्चिंत थे और उनके कप्तान केन विलियमसन रीव्यू लेने की फिराक में थे। हालांकि, विलियमसन ने तय समय में रीव्यू नहीं लिया था। इस बीच दोनों अंपायर्स आपस में बात करने लगे और रीव्यू ले लिया गया। रीव्यू में कोहली नॉटआउट रहे, लेकिन लोगों के बीच चर्चा शुरु हो गई कि आखिर कैसे अंपायर्स ने रीव्यू ले लिया था।
अंपायर्स ने नहीं दिया था कोई सॉफ्ट सिग्नल
रीव्यू लेने से पहले कैमरा पर मैदानी अंपायर्स को सॉफ्ट सिग्नल भी देते नहीं देखा गया था। तीसरे अंपायर ने रीव्यू के समय अल्ट्राएज से यह कंफर्म किया कि बीजे वाटलिंग ने साफ तरीके से कैच लपका है, लेकिन कोहली के बल्ले से गेंद का संपर्क नहीं हुआ था। टेस्ट चैंपियनशिप के नियमों के हिसाब से अंपायर कोई फैसला खुद से रीव्यू कर सकता है जब उसे कैच पकड़े जाने पर संदेह रहे।
ICC के मुताबिक अंपायर्स ने दिया था सॉफ्ट सिग्नल
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने क्रिकबज को बताया कि अंपायर्स ने सॉफ्ट सिग्नल दिया था और यह आउट का था। यह बताया गया कि मैदानी अंपायर्स ने पहले से तय किए गए नियमों का पालन करते हुए निर्णय लिए थे।
क्या कहते हैं नियम?
ICC के नियमों के हिसाब से यदि गेंदबाजी छोर पर खड़ा अंपायर किसी कैच को लेकर संदेह में है तो वह लेग अंपायर से इस बारे में बात कर सकता है। यदि दोनों अंपायर्स मिलकर भी कोई फैसला नहीं ले पाते हैं तो वे तीसरे अंपायर की मदद ले सकते हैं। तीसरा अंपायर रीव्यू के दौरान कैच सही से लपका गया है या नहीं और गेंद वैध है या नहीं दोनों चेक करता है।