2019 विश्वकप के इन तीन भारतीय खिलाड़ियों को 2003 वाली टीम में लेना पसंद करते गांगुली
2003 विश्वकप में सौरव गांगुली की अगुवाई में भारतीय टीम विश्वकप का फाइनल हारी थी। 2019 विश्वकप में विराट कोहली एंड कंपनी ने भी दमदार प्रदर्शन किया, लेकिन सेमीफाइनल तक ही जा सके। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के ट्विटर हैंडल पर 'DadaOpensWithMayank' चैट शो के वीडियो में गांगुली से सवाल पूछा गया कि वह 2019 की टीम से किन तीन खिलाड़ियों को 2003 की टीम में लेना पसंद करते। आइए जानते हैं इस पर दादा ने क्या जवाब दिया।
कोहली, रोहित और बुमराह को लेना पसंद करता- गांगुली
दादा ने सवाल के जवाब में कहा कि वह विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह को 2003 वाली टीम में लेना पसंद करते और उन्होंने इसका कारण भी बताया। उन्होंने कहा, "रोहित टॉप पर होते और मैं नंबर तीन पर खेलता। मुझे नहीं पता शायद सहवाग यह देख रहा हो और वह कल मुझे फोन करके बोले कि आप क्या सोचते हैं, लेकिन मैं इन तीनों को अपनी टीम में रखता।"
दादा की टीम में थे कई दिग्गज खिलाड़ी
दादा की टीम में उनके अलावा सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीरेन्द्र सहवाग जैसे दिग्गज बल्लेबाज थे। तेज गेंदबाजों में जहीर खान, आशीष नेहरा के अलावा अनुभवी जवागल श्रीनाथ भी टीम का हिस्सा थे। स्पिन विभाग में हरभजन सिंह और अनिल कुंबले के रूप में भारत के दो सबसे सफल स्पिनर्स टीम में मौजूद थे। तेंदुलकर ने 11 मैचों में सबसे ज़्यादा 673 रन बनाए थे जो अब भी एक विश्वकप में सबसे ज़्यादा रन का रिकॉर्ड है।
कोहली की टीम भी नहीं थी कम
कोहली की टीम में उनके अलावा रोहित शर्मा, शिखर धवन, केएल राहुल और महेन्द्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज बल्लेबाज मौजूद थे। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार ने तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाली थी। हार्दिक पंड्या और रविंद्र जडेजा के रूप में टीम में दो बेहतरीन ऑलराउंडर्स थे तो वहीं युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव टीम के मुख्य स्पिनर थे। रोहित ने पांच शतक लगाए जो एक विश्वकप में सबसे ज़्यादा शतकों का रिकॉर्ड है।
विकल्प मिलता तो धोनी को लेना भी पसंद करता- गांगुली
गांगुली ने आगे कहा कि उन्हें केवल तीन खिलाड़ी चुनने का ही विकल्प दिया गया था वर्ना वह एमएस धोनी को भी अपनी टीम में लेना पसंद करते। उन्होंने कहा, "धोनी को भी लेना पसंद करता, लेकिन आपने मुझे केवल तीन विकल्प दिए तो मैं राहुल द्रविड़ के साथ मैनेज कर लेता। मुझे लगता है कि द्रविड़ ने 2003 विश्वकप में विकेट के पीछे बेहतरीन काम किया था।"