SC ने श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबन्ध हटाया, BCCI से सजा पर पुनर्विचार करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत पर स्पॉट फिक्सिंग के मामले में लगे आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया है। कोर्ट ने कहा कि BCCI के पास अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है। कोर्ट ने BCCI से सजा की अवधि पर पुनर्विचार करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में BCCI को श्रीसंत को सुनवाई का मौका देने और तीन महीनों में सजा तय करने का आदेश दिया है।
BCCI को सजा पर पुनर्विचार करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने BCCI से पूर्व क्रिकेटर श्रीसंत को दी गई सज़ा की अवधि पर नए सिरे से पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
ANI ने दी जानकारी
BCCI के आरोप
BCCI की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि खेल में सट्टेबाजी और भ्रष्टाचार के लिए आजीवन प्रतिबंध का प्रावधान है। साथ ही कहा गया कि श्रीसंत ने कभी भी BCCI की भ्रष्टाचार रोधी समिति के सामने इस बात का जिक्र नहीं किया कि सट्टेबाजों ने उनसे संपर्क किया था। BCCI के वकील ने कोर्ट में कहा कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने के आरोप हैं।
क्या था श्रीसंत पर आरोप
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने श्रीसंत पर IPL 2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाये जाने के बाद आजीवन प्रतिबंध लगाया था। श्रीसंत ने BCCI के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। श्रीसंत की तरफ से दलील दे रहे वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि श्रीसंत में क्रिकेट को लेकर जुनून है। उनके करियर को बर्बाद होने से बचाया जाना चाहिए। इससे पहले श्रीसंत ने कहा था कि उन्होंने पुलिस के दबाव में जुर्म कबूला था।
एक ही मैदान से किया था वनडे और टेस्ट में डेब्यू
श्रीसंत ने 2005 में नागपुर में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच में डेब्यू किया था। इसके अगले साल उन्होंने इसी मैदान से इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया। उन्होंने 27 टेस्ट में 87 विकेट और 53 वनडे मैचों में 75 विकेट लिए हैं। टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 10 मैचों में उन्होंने 7 विकेट लिए हैं। उनके IPL करियर के 44 मैचों में उन्होंने 40 विकेट लिए हैं। भारत के लिए उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट और वनडे 2011 में खेला था।