WWE: जानें रिंग में इस्तेमाल होने वाले हथियारों की वास्तविकता
क्या है खबर?
WWE बहुत मशहूर हो चुका है लेकिन सबसे बढ़िया चीज यह रही है कि इसने अभी तक काफी कुछ छिपाकर रखा है।
लोगों को जो दिखाया जाता है वो सब असली लगता है लेकिन वास्तव में सच्चाई इसके उलट है।
हालांकि WWE भी नहीं चाहता कि उनका यह सीक्रेट सबके सामने आए क्योंकि ऐसा होने पर लोगों में रेसलिंग का रोमांच कम हो जाएगा।
लेकिन हम आपको बताते हैं WWE के 5 सीक्रेट जिसके बारे में आप जरूर जानना चाहेंगे।
टेबल
मेजों पर रेसलर्स का एक-दूसरे को पटकना
लगभग सबने ही यह देखा होगा कि कई बार रेसलर एक दूसरे को मेज पर उठाकर पटक देते हैं।
देखने में तो यह काफी खतरनाक लगता है, लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है।
जिस मेज का इस्तेमाल WWE रिंग में किया जाता है वो काफी पतली और कमजोर होती है।
हालांकि इस स्टंट को करते समय रेसलर्स को काफी सावधान रहना पड़ता है, क्योंकि जरा सी चूक उन्हें गंभीर चोट दे सकती है।
कुर्सी-सीढ़ियां
कुर्सी या सीढ़ी से सिर पर नहीं मारा जाता
WWE में इस्तेमाल की जाने वाली कुर्सियां और सीढ़ियां काफी हल्के धातु की बनी होती हैं तथा अंदर से खोखली होती हैं।
कुर्सी या फिर सीढ़ी से किसी रेसलर के सिर पर नहीं मारा जाता है।
जब भी कोई रेसलर कुर्सी का इस्तेमाल करता है तो उसे बेहद सावधानी से विपक्षी की पीठ पर ही मारता है।
सीढ़ी का इस्तेमाल करते हुए रेसलर आखिरी समय में अपने हाथ ऊपर की ओर खींच लेते हैं, जिससे सिर में चोट न लगे।
रिंग बैरीकेड
फोम के होते हैं बैरीकेड
WWE मे पहले जब मजबूत धातु वाले घेरे लगाए जाते थे, तब आपने किसी रेसलर को अपने विपक्षी को उस पर पटकते हुए नहीं देखा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि रेसलर्स को गंभीर चोट लगने का डर होता था।
वर्तमान समय में भी WWE रिंग को काले रंग के बैरीकेड से घेरकर रखा जाता है, लेकिन अब ये उतने मजबूत नहीं होते।
बैरीकेड को काले रंग के फोम से कवर किया जाता है, जिससे कि रेसलर्स को ज्यादा चोट न लगे।
WWE
शो रिकॉर्ड करके उसमें डाली जाती है ऑडियो रिकॉर्डिंग
क्या आपने कभी सोचा है कि स्मैकडाउन या फिर मेन इवेंट पर होने वाला शोर-शराबा इतना अजीब क्यों होता है।
ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि WWE अपने रिकॉर्ड किए गए टेलीकास्ट में अतिरिक्त आवाज डालती है।
जब भी कोई बड़ा सुपरस्टार आता है तो दर्शकों की खूब तेज चिल्लाने वाली ऑडियो रिकॉर्डिंग डाली जाती है।
किसी भी मेन इवेंट को ध्यान से देखिए तो पता चलेगा कि जितनी आवाजें आ रही हैं उतने तो लोग भी नहीं होते हैं।