ना विकेट, ना रन और ना ही लिया कैच; इसके बावजूद बना 'प्लेयर ऑफ द मैच'
किसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले में उस खिलाड़ी को 'प्लेयर ऑफ द मैच' दिया जाता है, जिसने उस मैच में अपने बल्ले या फिर गेंद से अपनी छाप छोड़ी होती है। मगर वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का एक ऐसा खिलाड़ी है, जिसने ना तो मैच में विकेट लिए, ना ही कोई कैच लपका और ना ही उसके बल्ले से रन बने, इसके बावजूद उसे 'प्लेयर ऑफ द मैच' बना दिया गया। आइए उस खिलाड़ी की पूरी कहानी जानते हैं।
कब और कहां खेला गया था यह मुकाबला?
साल 2001 में जिम्बाब्वे की धरती पर भारतीय क्रिकेट टीम, वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के बीच वनडे क्रिकेट की त्रिकोणीय सीरीज खेली गई थी। सीरीज का पहला मुकाबला वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे के बीच हुआ था। वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट खोकर 266 रन बनाए थे। जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 239 रन ही बना पाई थी और वेस्टइंडीज ने इस मुकाबले में 27 रन से जीत लिया था।
कैमरून कफी बने थे 'प्लेयर ऑफ द मैच'
वेस्टइंडीज के डेरेन गंगा ने 66, क्रिस गेल ने 53 और शिवनारायण चंद्रपॉल ने 51 रन की पारी खेली थी। मर्विन ढिल्लन और मार्लन सैमुअल्स ने 3-3 विकेट झटके थे। इनमें से किसी को भी 'प्लेयर ऑफ द मैच' नहीं मिला। कैमरून कफी को यह पुरस्कार दिया गया। उनके खाते में कोई भी विकेट, कैच या रन नहीं था। उन्होंने 10 ओवर में 2 मेडन ओवर के साथ केवल 20 रन दिए थे। उन्होंने एक रन आउट भी किया था।
कफी के करियर पर एक नजर
कफी ने अपना पहला टेस्ट मैच भारतीय टीम के खिलाफ साल 1994 में खेला था। उसी साल उन्होंने अपना वनडे डेब्यू भी भारतीय टीम के ही खिलाफ किया था। उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 15 टेस्ट मैच खेले थे। इस दौरान 33.83 की औसत से 43 विकेट झटके थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/82 का रहा था। वनडे क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने 41 मैच में 35.02 की औसत से 41 विकेट लिए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/24 का था।
टूर्नामेंट के फाइनल में क्या हुआ था?
टूर्नामेंट के फाइनल में भारत और वेस्टइंडीज की टीम पहुंची थी। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट खोकर 225 रन बनाए थे। कफी उस मुकाबले में नहीं खेले थे। जवाब में वेस्टइंडीज 40.1 ओवर में सिर्फ 123 रन पर ऑलआउट हो गई थी। अनिल कुंबले ने घातक गेंदबाजी करते हुए 6.1 ओवर में 2 मेडन ओवर के साथ 6 विकेट झटके थे। उन्होंने सिर्फ 12 रन खर्च किए थे। उनकी इकॉनमी रेट 1.94 की थी।