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आशीष नेहरा को धोनी की याद दिलाता है यह युवा भारतीय खिलाड़ी

आशीष नेहरा को धोनी की याद दिलाता है यह युवा भारतीय खिलाड़ी

लेखन Neeraj Pandey
Apr 06, 2020
11:32 am

क्या है खबर?

पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी भले ही नौ महीनों से भारतीय टीम से बाहर हैं, लेकिन अब भी भारत को उनका स्थाई विकल्प नहीं मिल सका है। 38 साल के धोनी का इंटरनेशनल करियर समाप्त होने की कगार पर है और उनकी जगह कौन खिलाड़ी ले सकेगा इसकी खोज चल रही है। हालांकि, आशीष नेहरा को लगता है कि धोनी की जगह लेने के लिए ऋषभ पंत सबसे उपयुक्त खिलाड़ी हैं।

बयान

धोनी की याद दिलाते हैं पंत- नेहरा

नेहरा ने TOI से बात करते हुए कहा कि भले ही पंत अपने करियर के शुरुआती दौर में हैं, लेकिन वह उन्हें धोनी की याद दिलाते हैं। उन्होंने आगे कहा, "धोनी ने भारतीय क्रिकेट में जो छाप छोड़ी है उसके करीब मैं ऋषभ पंत के अलावा किसी और बल्लेबाज को आते नहीं देख रहा हूं।" नेहरा ने यह भी साफ किया कि धोनी और पंत के करियर की शुरुआत लगभग एक जैसी ही रही है।

पंत का करियर

कुछ इस प्रकार रहा है पंत का अब तक का करियर

2017 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले पंत अब तक 27 टी-20 मैचों में दो अर्धशतकों के साथ 410 रन बना चुके हैं। उन्होंने 16 वनडे में एक अर्धशतक सहित 374 तो वहीं 13 टेस्ट में दो शतक और दो अर्धशतकों की मदद से 814 रन बनाए हैं। टी-20 में उनका औसत 20 तो वहीं वनडे में 26 का ही रहा है। लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में वह लगातार फेल हो रहे हैं।

मौके का फायदा

धोनी ने हर मौके का उठाया था फायदा- नेहरा

धोनी जब टीम में आए थे तब भारत को एक विशुद्ध विकेटकीपर बल्लेबाज की जरूरत थी क्योंकि राहुल द्रविड़ से काफी समय तक विकेटकीपिंग कराई जा चुकी थी। इस पर नेहरा ने कहा, "दिनेश कार्तिक टेक्नीक के मामले में काफी बेहतर थे। हालांकि, धोनी ने वह किया जो कार्तिक और पार्थिव पटेल नहीं कर सके और वह था हर मौके का फायदा उठाना। वह निश्चित तौर पर बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज थे।"

नेहरा की मांफी

नेहरा ने जताया धोनी के लिए अपने व्यवहार पर खेद

2005 में पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच के दौरान शाहिद अफरीदी का कैच मिस होने पर नेहरा को धोनी को गाली देते हुए देखा गया। यह वीडियो अब भी यूट्यूब पर मौजूद है और फाइनली नेहरा ने खुद इस पर बात की है। नेहरा ने बीते रविवार को कहा था कि वह कैच छूटने से अपना संयम खो बैठे थे, लेकिन वह अपने व्यवहार पर गर्व नहीं महसूस करते हैं।