पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मार्क वॉ ने कन्कशन सब्स्टीट्यूट को लेकर दिया सुझाव
ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत के पहले टी-20 मुकाबले में रविंद्र जडेजा बल्लेबाजी के दौरान बाउंसर लगने से चोटिल हो गए थे। उनकी जगह फील्डिंग और गेंदबाजी के लिए बतौर कन्कशन सब्स्टीट्यूट युजवेंद्र चहल आए। चहल ने तीन विकेट झटककर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। यह फैसला भारत के पक्ष में गया और इसके बाद से कन्कशन के नियम को लेकर विवाद सा हो गया। अब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मार्क वॉ ने इस पर अपना सुझाव दिया है।
क्या है कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम?
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने पिछले साल टेस्ट क्रिकेट में कन्कशन सब्स्टीट्यूट का नियम जारी किया था। कोरोना ब्रेक के बाद दोबारा इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी पर इसे लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में भी लागू कर दिया गया। इस नियम के मुताबिक यदि किसी खिलाड़ी को बल्लेबाजी के समय हेलमेट पर गेंद लगती है तो उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को लाया जा सकता है। बल्लेबाज की जगह बल्लेबाज और गेंदबाज की जगह गेंदबाज को लाए जाने का प्रावधान है।
यहां से शुरू हुआ था विवाद
भारतीय पारी के आखिरी ओवर में बल्लेबाजी कर रहे जडेजा के सर पर मिचेल स्टार्क की बाउंसर लग गई। BCCI मेडिकल टीम द्वारा पारी के ब्रेक के दौरान ड्रेसिंग रूम में उनकी जांच की गई और जडेजा को फील्डिंग या गेंदबाजी करने के लिए फिट नहीं पाया गया। युजवेंद्र चहल को बतौर कन्कशन सब्स्टीट्यूट टीम में मौका मिला। चहल ने अपने चार ओवर्स में 25 रन देकर आरोन फिंच, स्टीव स्मिथ और मैथ्यू वेड के अहम विकेट लिए थे।
कन्कशन नियम पर न्यूट्रल डॉक्टर पर हो विचार- मार्क वॉ
मार्क वॉ का कहना है कि ICC को इस पर गौर करना चाहिए और ऐसे मामलों के लिए न्यूट्रल डॉक्टर पर विचार करना चाहिए। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक वॉ ने कहा, "निश्चित तौर पर भारतीय टीम के डॉक्टर ने यह फैसला लिया। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्होंने गलत निर्णय किया है, लेकिन मुझे लगता है कि ICC को एक चिकित्सा अधिकारी या चिकित्सक को नियुक्त करने की आवश्यकता है जो निष्पक्ष निर्णय ले सके।"
हेनरिक्स ने उठाए थे लाइक-टू-लाइक सब्स्टीट्यूट पर सवाल
कन्कशन सब्स्टीट्यूट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर, मैच रेफरी डेविड बून के साथ बहस करते हुए दिखे थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर मोइसेस हेनरिक्स ने कहा, "जडेजा एक ऑलराउंडर खिलाड़ी और दमदार फील्डर हैं और उनकी जगह आने वाला दूसरा शुद्ध गेंदबाज है जो 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करता है। जो खिलाड़ी बाहर जाए उसकी जगह वैसा ही खिलाड़ी आना चाहिए। यही चीज ही मुझे खटक रही है।"
सुनील गावस्कर ने कही थी ये बात
पूर्व भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर ने इस विवाद को लेकर कहा था, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैच रैफरी एक पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड बून है। उन्हें जडेजा के विेकल्प के तौर पर चहल के के आने से कोई परेशानी नहीं थी।"