जयदेव उनादकट ने 12 साल बाद की टेस्ट क्रिकेट में वापसी, बनाया अनोखा रिकॉर्ड
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट के नाम बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में मैदान पर उतरते ही बड़ा रिकॉर्ड दर्ज हो गया है।
वह टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के बाद सबसे लंबे समय तक बाहर रहने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।
उन्होंने 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था और उसके बाद से वह टीम से बाहर हैं। ऐसे में उन्होंने 12 साल बाद वापसी की है।
रिकॉर्ड
लंबे समय तक बाहर रहने वाले दुनिया के छठे खिलाड़ी हैं उनादकट
उनादकट टेस्ट डेब्यू के बाद 118 टेस्ट मैचों में टीम से बाहर रहे हैं। वह लंबे समय तक टीम से बाहर रहने वाले पहले भारतीय होने के साथ वैश्विक स्तर पर छठे खिलाड़ी हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा टेस्ट से बाहर रहने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के गैरेथ बैटी के नाम है। वह 142 टेस्ट में टीम से बाहर रहे थे।
भारतीयों में उनादकट के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक का नाम आता है। वह 87 टेस्ट से बाहर रहे थे।
रिकॉर्ड
उनादकट ने तोड़ा पार्थिव पटेल का रिकॉर्ड
उनादकट ने डेब्यू के बाद सबसे अधिक समय तक टीम से बाहर रहने के मामले में पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज पार्थिव पटेल का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
पटेल ने अगस्त, 2008 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था और उसके बाद वह उन्होंने नवंबर, 2016 में दूसरा टेस्ट मैच खेला था।
उनादकट के अलावा टी नटराजन 2014 के बाद से भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले एकमात्र बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने पिछले साल अपना एकमात्र टेस्ट खेला था।
सफलता
उनादकट ने बांग्लादेश के खिलाफ लिया अपना पहला टेस्ट विकेट
उनादकट ने भले ही साल 2010 में सेंचुरियन में अपना टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन वह उसमें कोई विकेट नहीं ले पाए थे।
ऐसे में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ जारी टेस्ट में अपना पहला टेस्ट विकेट लेने में भी सफलता हासिल की है।
उन्होंने बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज जाकिर हसन को 15 रन के निजी स्कोर पर आउट कर पहली सफलता हासिल की है।
उन्होंने उमेश यादव और मोहम्मद सिराज के बाद पहले बदलाव के रूप में गेंदबाजी की है।
प्रथम श्रेणी
उनादकट ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में किया है बेहतरीन प्रदर्शन
उनादकट को भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मौके नहीं मिले हैं, लेकिन उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
ढाका टेस्ट से पहले उन्होंने 96 मैचों में 23.04 की औसत से कुल 353 विकेट लिए थे। इस दौरान उन्होंने 20 बार पांच विकेट और पांच बार मैच में 10 विकेट लिए हैं।
2019-20 रणजी ट्रॉफी में उन्होंने कुल 67 विकेट लिए थे और सौराष्ट्र को रणजी ट्रॉफी विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।