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ग्रास कोर्ट पर खेले जाने वाले ग्रैंड स्लैम विंबल्डन से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स
विंबलडन से जुड़े रोचक फैक्ट्स (तस्वीर: ट्विटर/@Wimbledon)

ग्रास कोर्ट पर खेले जाने वाले ग्रैंड स्लैम विंबल्डन से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स

लेखन Neeraj Pandey
Jun 21, 2022
08:30 am

क्या है खबर?

पुरुष विंबल्डन का 135वां संस्करण 27 जून से शुरु होने वाला है। सिंगल्स टाइटल के लिए 128 पुरुष और 128 महिलाएं प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। पूर्व नंबर एक पुरुष खिलाड़ी और सर्बियाई दिग्गज नोवाक जोकोविच डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में ग्रास कोर्ट में उतरेंगे। महिला सिंगल्स में इगा स्विआटेक टॉप सीड खिलाड़ी के रूप में उतरेंगी। आइए एक नजर डालते हैं विंबल्डन से जुडे़ कुछ रोचक फैक्ट्स पर।

परिचय

सबसे पुराना ग्रैंड स्लैम है विंबल्डन

विंबल्डन विश्व का सबसे पुराना ग्रैंड स्लैम इवेंट है। 1877 में इसकी स्थापना ऑल इंग्लैंड क्रोक्वेट और लॉन टेनिस क्लब में की गई थी। यह घास पर खेला जाने वाले इकलौता ग्रैंड स्लैम है। कोर्ट्स पर 100 प्रतिशत ऐसी घास लगाई जाती है जो हमेशा हरी रहती है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सेंटर ग्राउंड में ही बम धमाका हो गया जिससे काफी ज्यादा क्षति देखने को मिली थी।

घास

घास पर खेला जाने वाला इकलौता ग्रैंड स्लैम है विंबल्डन

गौरतलब है कि विंबल्डन इकलौता मेजर टूर्नामेंट है जिसे घास पर खेला जाता है। फ्रेंच ओपन के अलावा अन्य सभी ग्रैंड स्लैम इवेंट्स को घास में खेला जा चुका है। 1975 में यूएस ओपन को ग्रीन क्ले पर शिफ्ट किया गया था और फिर इसे हार्ड कोर्ट पर खेला जाने लगा। ऑस्ट्रेलियन ओपन को 1988 में ही हार्ड कोर्ट पर मूव कर दिया गया था। फ्रेंच ओपन अब भी क्ले कोर्ट पर खेला जाता है।

सबसे बड़ा मैच

11 घंटे से अधिक का रहा है सबसे बड़ा मैच

2010 में जॉन इस्नर ने निकोलस महूट को एक ऐसे मैच में हराया था जो 11 घंटे और पांच मिनट तक चला था। 6-4, 3-6, 6-7, 7-6, 70-68 की यह जीत विंबल्डन का सबसे बड़ा मुकाबला है। 2019 में जोकोविच ने रोजर फेडरर को फाइनल में हराते हुए अपने टाइटल को डिफेंड किया था। यह मुकाबला चार घंटे और 57 मिनट तक चला था और विंबल्डन का सबसे लंबा फाइनल है।

ड्रेस कोड

विंबलडन के लिए बनाया गया है कड़ा ड्रेस कोड

अन्य ग्रैंड स्लैम्स के मुकाबले विंबल्डन में खिलाड़ियों के लिए कड़ा ड्रेस कोड लगाया गया है। खिलाड़ी के लिए ऊपर से नीचे तक सफेद रंग की ड्रेस पहनना अनिवार्य होता है। यदि कोई खिलाड़ी ड्रेस कोड का पालन नहीं करता है तो अंपायर उसे ड्रेस बदलने के लिए बोल सकते हैं। 2013 में फेडरर नारंगी रंग के सोल वाले जूते पहनकर खेल रहे थे तो उन्हें जूते बदलने के लिए बोला गया था।