पाकिस्तानी खिलाड़ी टीम के लिए खेलते थे, भारतीय खिलाड़ी अपने लिए- इंजमाम उल हक
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के मैदान पर लंबे समय से राइवलरी चल रही है, लेकिन पिछले कुछ समय से भारतीय टीम हमेशा भारी पड़ी है। हालांकि, पूर्व पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम उल हक के दौर में पाकिस्तान का पलड़ा भारत के खिलाफ भारी रहता था। उसी दौर को याद करते हुए इंजमाम ने कहा कि उनके बल्लेबाज टीम के लिए 30-40 रन बनाते थे जबकि भारतीय बल्लेबाज शतक बनाकर भी खुद के लिए ही खेलते थे।
भारतीय बल्लेबाज अपने लिए खेलते थे- इंजमाम
रमीज़ राजा के साथ एक यूट्यूब चैट शो में इंजमाम ने कहा कि भले ही कागज पर भारतीय बल्लेबाजी मजबूत थी, लेकिन पाकिस्तानी बल्लेबाज अपनी टीम के लिए खेलते थे। उन्होंने आगे कहा, "जब हम भारत के खिलाफ खेले तो उनकी बल्लेबाजी कागज पर हमसे काफी मजबूत थी। हमारे बल्लेबाज 30-40 रन भी बनाते थे तो वह टीम के लिए था, लेकिन भारत के बल्लेबाज यदि शतक भी बनाते थे तो भी वे अपने लिए खेलते थे।"
वनडे में भारत के खिलाफ सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले पाकिस्तानी हैं इंजमाम
बता दें कि इंजमाम भारत के खिलाफ सबसे ज़्यादा 67 वनडे खेलने वाले खिलाड़ी हैं। इस दौरान उन्होंने 43.69 की औसत के साथ 2,403 रन बनाए हैं, जिसमें चार शतक और 12 अर्धशतक शामिल हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे ज़्यादा 69 वनडे सचिन तेंदुलकर ने खेले हैं। तेंदुलकर ने ही सबसे ज़्यादा 2,526 रन बनाए हैं। उन्होंने ने ही सबसे ज़्यादा पांच शतक और 16 अर्धशतक भी लगाए हैं।
इमरान खान रहेंगे हमेशा बेस्ट लीडर- इंजमाम
इंजमाम ने यह भी कहा कि ज़्यादा टेक्निकल नहीं होने के बावजूद अपने खिलाड़ियों को सपोर्ट करने और उनका बेस्ट निकालने के कारण इमरान खान पाकिस्तान के बेस्ट कप्तान हैं। उन्होंने कहा, "उन्हें पता था कि खिलाड़ियों से बेस्ट कैसे निकालना है। उन्होंने खिलाड़ियों को सपोर्ट किया और यही उन्हें महान कप्तान बनाता है। एक सीरीज़ में फेल होने पर वह किसी खिलाड़ी को ड्रॉप नहीं करते थे।"
इमरान की वजह से ही 1992 विश्वकप में इंजी ने खेली थी यादगार पारी
1992 विश्वकप में इंजमाम लगातार फेल हो रहे थे और उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे, लेकिन इमरान ने उन पर भरोसा बनाए रखा। इंजमाम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अहम मुकाबले में 37 गेंदों में 60 रनों की धुंआधार पारी खेली। इसके बाद विश्वकप फाइनल में भी इंजमाम ने 35 गेंदों में ही 42 रन बना डाले थे। यह इमरान का भरोसा ही था कि इंजमाम ने बेहद अहम मौके पर अपनी क्षमता दिखाई।