फुटबॉल के पांच ऑल टाइम बेस्ट गोलकीपर्स पर एक नज़र
फुटबॉल दुनिया का सबसे मशहूर खेल है और इसका अपना एक ईमानदार फैनबेस भी है। इस खेल को आमतौर पर 'द ब्यूटीफुल गेम' कहा जाता है क्योंकि हम खिलाड़ियों द्वारा कई शानदार स्किल देखते हैं। एक अच्छी और एक महान टीम के बीच का सबसे बड़ा अंतर निश्चित रूप से गोलकीपर ही होता है। इसी कड़ी में हम एक नजर डाल रहे हैं फुटबॉल के पांच ऑल टाइम ग्रेट गोलकीपर्स पर।
डेनमार्क के महान गोलकीपर पीटर स्माइकल
पीटर स्माइकल ने 1991 में मैनचेस्टर यूनाइटेड ज्वाइन किया था और वहीं पर वह सर अलेक्स फर्ग्यूसन के अंडर शानदार गोलकीपर के रूप में उभरे थे। 1992 में उन्होंने डेनमार्क को UEFA यूरो जिताने में अहम भूमिका भी निभाई थी जिसमें सेमीफाइनल में मार्को वान बास्तेन की पेनल्टी सेव करनी सबसे बड़ी हाईलाइट थी। उन्होंने अपने करियर में 11 गोल भी दागे थे।
सुपरमैन के नाम से मशहूर गोलकीपर
जियानलुइजी बुफों अपनी पीढ़ी के सबसे महान गोलकीपर हैं। उनको सुपरमैन नाम इसलिए दिया गया था क्योंकि वह शानदार सेव करते हैं। 2002-03 चैंपियन्स लीग फाइनल में उनके द्वारा एक हाथ से की गई सेव हो या फिर 2006 फीफा विश्व कप फाइनल में उनका सेव। उन्होंने हमेशा अपने प्रदर्शन से सबको चौंकाया है। 2006 में वह 'बैलन डे ऑर' अवार्ड की रेस में दूसरे स्थान पर रहे थे।
इंग्लैंड के सबसे महान गोलकीपर
इस बात में कोई शक नहीं है कि गोर्डन बैंक्स इंग्लैंड के ऑल टाइम ग्रेट गोलकीपर हैं। वह 1966 फीफा विश्व कप में अपने प्रदर्शन के कारण मशहूर हैं जिसमें उन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान केवल 3 गोल खाए थे और इंग्लैंड को पहला और इकलौता विश्व कप जिताया था। उनका एक सबसे मशहूर लम्हा 1970 विश्व कप में ब्राज़ील के खिलाफ आया जहां उन्होंने पेले को एक असंभव सेव पर पेनल्टी गोल करने से रोका।
गोलकीपर्स की पूरी पीढ़ी को प्रेरणा देने वाले गोलकीपर
ओलिवर कान ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने अपनी स्किल से गोलकीपर्स की पूरी पीढ़ी को प्रेरणा देने का काम किया था। 2002 फीफा विश्व कप फाइनल में कान ने अपनी शानदार गोलकीपिंग के दम पर जर्मनी को फाइनल तक पहुंचाया था, लेकिन वहां उन्हें ब्राज़ील के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। 2000-01 चैंपियन्स लीग फाइनल में भी उन्होंने शानदार खेल दिखाया था और तीन पेनल्टी सेव करके उन्होंने बायर्न म्यूनिख को टाइटल जिताया था।
ब्लैक स्पाइडर के नाम से मशहूर गोलकीपर
बिना किसी शक के लेव यासिन को इस लिस्ट में पहले नंबर पर रखा जाना चाहिए। इसका कारण यह है कि उन्होंने फीफा के अनुसार 150 पेनल्टी सेव की थी और इसके अलावा उन्होंने 270 से ज़्यादा क्लीनशीट भी हासिल किए थे। इसके अलावा वह 'बैलन डे ऑर' जीतने वाले इकलौते गोलकीपर हैं जब उन्होंने 1963 में इस अवार्ड को अपने नाम किया था। आपको बता दें कि विश्व कप के बेस्ट गोलकीपर को 'लेव यासिन अवार्ड' दिया जाता है।