बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: ऑस्ट्रेलिया की टीम में चुने गए नाथन मैकस्वीनी कौन हैं? जानिए उनका सफर
ऑस्ट्रेलिया और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 की शुरुआत 22 नवंबर से हो जाएगी। सीरीज का पहला टेस्ट पर्थ में खेला जाएगा, जिसके लिए मेजबान ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने अपनी 13 सदस्यीय टीम का एलान किया है। कंगारू टीम ने नाथन मैकस्वीनी के रूप में युवा बल्लेबाज को चुना है। ऐसा माना जा रहा है कि वह पर्थ में अपना टेस्ट डेब्यू कर सकते हैं। आइए उनके अब तक के सफर के बारे में जानते हैं।
इंडिया-A के खिलाफ खेलते हुए दिखे थे मैकस्वीनी
मैकस्वीनी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया-A की ओर से अनौपचारिक टेस्ट में खेलते हुए दिखे थे। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने इंडिया-A के खिलाफ पहले मैच में 39 और 88* रन के स्कोर किए थे। इसके बाद दूसरे मैच में 14 और 25 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया-A ने इन दोनों मैचों में जीत दर्ज की थी। बता दें कि इंडिया-A की कप्तानी रुतुराज गायकवाड़ कर रहे थे।
शेफील्ड शील्ड 2024-25 में खूब चल रहा है मैकस्वीनी का बल्ला
ऑस्ट्रेलिया के घरेलू प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड 2024-25 में मैकस्वीनी का बल्ला खूब चला है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करते हुए उन्होंने 2 मैचों की 4 पारियों में 97.00 की औसत के साथ 291 रन बनाए हैं। उन्होंने 1 शतक और 2 अर्धशतक भी लगाए हैं। इस बीच वह एक बार नाबाद भी रहे हैं। वह फिलहाल मौजूदा सीजन में पांचवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने हुए हैं।
कैसा रहा है मैकस्वीनी का प्रथम श्रेणी करियर?
मैकस्वीनी ने अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत 2018 में क्वींसलैंड की टीम के साथ की थी। उन्होंने अब तक 34 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, जिसमें 38.16 की औसत के साथ 2,252 रन अपने नाम किए हैं। इस बीच उन्होंने 127* रन के सर्वोच्च स्कोर के साथ 6 शतक और 12 अर्धशतक लगाए हैं। वह ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते हैं। उन्होंने 18 विकेट भी हासिल किए हैं।
ऑस्ट्रेलिया से अंडर-19 विश्व कप खेल चुके हैं मैकस्वीनी
8 मार्च, 1999 को क्वींसलैंड के ब्रिसबेन में जन्मे मैकस्वीनी ऑस्ट्रेलिया की ओर से अंडर-19 विश्व कप 2018 में हिस्सा ले चुके हैं। उन्होंने उस संस्करण में 70.33 की औसत और 107.10 की स्ट्राइक रेट से 211 रन बनाए थे। वह जैक एडवर्ड्स (216 रन) और कप्तान जेसन संघा (229 रन) के बाद तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी थे। उस संस्करण के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को पृथ्वी शॉ की कप्तानी वाली भारतीय टीम से हार मिली थी।