ये 5 युवा खिलाड़ी भविष्य में भारतीय फुटबॉल को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे
भारतीय नेशनल फुटबॉल टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन करके रैंकिंग में सुधार ला रही है। जब भारत में पिछले साल फीफा अंडर-17 विश्व कप हुआ था तो हम सबने देखा था कि हमारे युवा खिलाड़ियों की क्षमता कितनी है। विश्व कप के बाद हमें कुछ स्पेशल खिलाड़ी मिले जिन्होंने क्लब लेवल पर अपनी मौजूदगी का एहसास कराना शुरु कर दिया है। आइए एक नजर डालते हैं उन 5 सितारों पर जो आगे जाकर भारतीय फुटबॉल को रोशन कर सकते हैं।
भारत के अगले स्पराइडरमैन बनेंगे धीरज
18 वर्षीय धीरज भारतीय टीम के लिए भविष्य के गोलकीपर हैं। उन्होंने अंडर-17 फीफा विश्व कप में अपने शानदार खेल से विश्व फुटबॉल का ध्यान अपनी ओर खींचा था। विश्व कप के बाद उन्हें स्कॉटिश क्लब मदरवेल FC ने ट्रॉयल के लिए बुलाया लेकिन वर्क परमिट नहीं मिलने की वजह से उन्हें ट्रॉयल के बाद वापस भारत लौटना पड़ा। धीरज ने इसी साल ISL साइड केरला ब्लास्टर्स के साथ करार किया है और उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।
तेजी और स्किल से कर सकते हैं कमाल
18 वर्षीय बोरिस सिंह भी अंडर-17 विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे। हालांकि उन्होंने विश्व कप से पहले ही अपने खेल से लोगों को दीवाना बनाना शुरु कर दिया था। 13 अक्टूबर 2016, गोवा के बैम्बोलिम में ब्रिक्स U-17 कप के अपने आखिरी मैच में भारत के लिए राइट बैक बोरिस ने रियल मैड्रिड खिलाड़ी विनीशियस जूनियर को काफी परेशान किया था। बोरिस के पास गजब की तेजी के साथ शानदार स्किल है।
इंडियन टीम के तीसरे सबसे कम उम्र वाले गोलस्कोरर
लालिन्जुआला छांग्टे फिलहाल 21 साल के हैं और वह तीन साल पहले ही इंडियन नेशनल टीम के लिए गोल दागने वाले तीसरे सबसे कम उम्र वाले खिलाड़ी बन चुके हैं। वर्तमान समय में छांग्टे ISL साइड दिल्ली डायनामोज के लिए खेल रहे हैं। छांग्टे की सबसे खूबसूरत बात यह है कि वह अपने फेवरिट खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो की तरह ही फील्ड पर अपना 100 प्रतिशत देते हैं। उनकी स्पीड और फिनिशिंग उन्हें शानदार खिलाड़ी बनाती है।
इंडियन फुटबॉल का 'फ्लैश'
टाटा फुटबॉल एकाडमी के साथ अपना करियर शुरु करने वाले उदांता इंडियन फुटबॉल का मशहूर नाम बन चुके हैं। उदांता की स्पीड को देखते उन्हें 'फ्लैश' निकनेम से भी बुलाया जाने लगा है। ISL और पूर्व आइलीग क्लब बेंगलुरु FC में उदांता टीम के अटूट सदस्य हैं और विंगर के रूप में खेलते हैं। इसके अलावा उदांता AFC कप में गोल दागने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी भी हैं। वह भारतीय टीम के भी रेगुलर मेंबर हैं।
फारवर्ड लाइन में शानदार साबित हो सकते हैं थाटल
अंड़र-17 विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे कोमल थाटल ने सबको काफी इंप्रेस किया है। इस सीजन वह ISL क्लब ATK के लिए खेल रहे हैं और उन्होंने अपना पहला गोल बेंगलुरु FC के खिलाफ दागा था। थाटल भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े टैलेंट हैं और वह भारतीय अंडर-17 नेशनल टीम के सबसे क्रिएटिव खिलाड़ी थे। वह जूनियर नेशनल सेट अप में पिछले तीन साल खेले और अपनी गोलस्कोरिंग और बॉल पर एबिलिटी के लिए जाने जाते हैं।