भारतीय क्रिकेट में बड़े पदों पर हैं 1996 में टेस्ट डेब्यू करने वाले ये खिलाड़ी
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने का मौका मिलने पर किसी भी खिलाड़ी का पूरा जीवन बदल जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के लिए खेलने के बाद खिलाड़ी बाद में कोच या किसी अन्य अधिकारी के रूप में भी भारतीय क्रिकेट की सेवा का मौका पाने का हकदार हो जाता है।
1996 में इंग्लैंड दौरे पर पांच और उस साल कुल छह भारतीयों ने टेस्ट डेब्यू किया था।
आइए जानते हैं आज किन बड़े पदों पर हैं ये खिलाड़ी।
सौरव गांगुली
BCCI के 39वें अध्यक्ष हैं गांगुली
जून 1996 में लॉर्ड्स में टेस्ट डेब्यू करने वाले सौरव गांगुली वर्तमान समय में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के 39वें अध्यक्ष हैं। गांगुली को भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक भी माना जाता है।
113 टेस्ट में 7,212 रन बनाने वाले गांगुली ने 2008 में अपना आखिरी टेस्ट खेला था। गांगुली ने अपनी डेब्यू पारी में ही 301 गेंदों का सामना करते हुए 131 रन बनाए थे।
राहुल द्रविड़
भारतीय टीम के हेडकोच हैं द्रविड़
गांगुली के साथ ही 1996 लॉर्ड्स टेस्ट में राहुल द्रविड़ ने भी अपना डेब्यू किया था। द्रविड़ आज भारतीय क्रिकेट टीम के हेडकोच हैं। इससे पहले वह नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) प्रमुख और अंडर-19 टीम के हेडकोच भी रह चुके हैं।
164 टेस्ट खेलने वाले द्रविड़ ने 13,288 रन बनाए हैं और चौथे सबसे अधिक टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर में 36 शतक, पांच दोहरे शतक और 63 अर्धशतक लगाए हैं।
वीवीएस लक्ष्मण
NCA के प्रमुख हैं लक्ष्मण
नवंबर 1996 में अहमदाबाद में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले वीवीएस लक्ष्मण ने बीते सोमवार को NCA चीफ का पद संभाला है। इससे पहले वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मेंटोर की भूमिका में दिखते थे।
134 टेस्ट में लक्ष्मण ने 8,781 रन बनाए हैं जिसमें 17 शतक, दो दोहरे शतक और 56 अर्धशतक शामिल हैं। लक्ष्मण ने डेब्यू टेस्ट की दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया था।
विक्रम राठौर
भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच हैं राठौर
पंजाब के लिए घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद जून 1996 में इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट डेब्यू करने वाले विक्रम राठौर को 2019 के अंत में भारतीय टीम का बल्लेबाजी कोच बनाया गया था। इस साल उनके कॉन्ट्रैक्ट को आगे भी बढ़ाया गया है। इससे पहले वह चयनकर्ता समिति का भी हिस्सा रह चुके हैं।
फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में 11,473 रन बनाने वाले राठौर भारत के लिए केवल छह ही टेस्ट खेल सके।
म्हाम्ब्रे और जोशी
अच्छे पदों पर हैं दो अन्य लोग
1996 के इंग्लैंड दौरे पर ही टेस्ट डेब्यू करने वाले दाएं हाथ के तेज गेंदबाज पारस म्हाम्ब्रे ने इस साल तीन सीरीज में भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच की भूमिका निभाई है। भारत के लिए दो टेस्ट खेलने वाले म्हाम्ब्रे पूर्णकालिक गेंदबाजी कोच बन सकते हैं।
भारत के लिए 15 टेस्ट में 352 रन बनाने और 41 विकेट लेने वाले सुनील जोशी चयनकर्ता समिति का हिस्सा है। जोशी ने भी 1996 इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट डेब्यू किया था।