#NewsBytesExclusive: ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली भारत की पहली महिला जिमनास्ट दीपा के साथ खास बातचीत
2016 रियो ओलंपिक में अदभुत प्रदर्शन के बाद दीपा कर्माकर रातों-रात पूरे देश की स्टार बन गई थीं। उन्होंने कई इंटरनेशनल इवेंट्स पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है और वर्ल्ड जिमनास्टिक चैलेंज कप गोल्ड, कॉमनवेल्थ ब्रॉन्ज तथा एशियन चैंपियनशिप ब्रॉन्ज समेत कई पदक भी जीते हैं। 2017 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया था। NewsBytes के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दीपा ने अपने सफर, आत्मकथा और 2020 टोक्यो ओलंपिक के अलावा और भी कई मुद्दों पर बात की।
अपनी आत्मकथा लिखने का निर्णय कब लिया?
दीपा कर्माकर की आत्मकथा 'Dipa Karmakar: The Small Wonder' का विमोचन जनवरी में हुआ था। उन्होंने अपनी आत्मकथा लिखने का निर्णय तब लिया जब रियो ओलंपिक पर कई लोगों ने उनसे पूछा कि त्रिपुरा कहां है और इतने छोटे से गांव से होकर भी वह इस लेवल तक कैसे पहुंच गई। दीपा को लगा कि खास तौर से छोटी जगहों के लोगों को प्रेरित करने के लिए उन्हें अपनी कहानी को सबसे सामने लाना चाहिए।
कर्माकर ने अपने सफर के बारे में बात की
कर्माकर ने केवल 5 साल की उम्र में ही जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग लेनी शुरु कर दी थी। भले ही उनके पैर चपटे थे, जिन्हें जिम्नास्टिक के लिए कठिन समस्या माना जाता है, लेकिन उन्होंने इससे उबरते हुए खुद को जिम्नास्टिक में पारंगत किया। दीपा ने कहा, "2007 में नंदी सर ने मेरे अंदर क्षमता देखी और तभी हमने निर्णय लिया कि मैं जिम्नास्ट बनूंगी। 2008 में मैंने अपना पहला जूनियर नेशनल जीता और उसके बाद जो हुआ वह इतिहास है।"
कौन है दीपा की प्रेरणा और रोल मॉडल?
कर्माकर, ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली पहली और इकलौती भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं। जब उनसे पूछा गया कि उनको कहां से प्रेरणा मिली और उनका रोल मॉडल कौन है तो दीपा ने कहा, "मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा और रोल मॉडल अदभुत नादिया कोमानेसी हैं। उन्होंने जिम्नास्टिक में जो किया हैं उससे हतप्रभ हूं और मैं इस बात से काफी धन्य हूं कि वह मेरे संस्मरणों में हैं और मुझे प्रेरित करती रही हैं।"
भारतीय जिम्नास्टिक में क्या बदलाव नजर आए?
अपने डेब्यू के बाद भारतीय जिम्नास्टिक में आए बदलावों के बारे में दीपा का कहना है कि जब उन्होंने ट्रेनिंग शुरु की थी तब इतनी सुविधाएं नहीं थी। दीपा ने कहा, "आज के समय में लोग जिम्नास्टिक के बारे में जानते हैं। जिम्नास्टिक की अकादमी भी खुल चुकी हैं जहां इस खेल में जाने वाले लोगों को सही ट्रेनिंग प्राप्त होती है। हम सही दिशा में जा रहे हैं और जल्द ही उच्च कैटेगिरी में हमारे काफी जिम्नास्ट होंगे।"
क्या टोक्यो ओलंपिक में प्रोदूनोवा वॉल्ट परफॉर्म करेंगी?
कर्माकर उन 5 महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने जिम्नास्टिक के सबसे कठिन वॉल्ट प्रोदूनोवा को परफॉर्म करने में सफलता हासिल की है। दीपा ने बताया, "2014 में नंदी सर ने प्रोदूनोवा के बारे में रिसर्च करना शुरु किया और ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स से 3 महीने पहले इस पर काम करना शुरु किया। मैंने ओलंपिक से पहले हजारों बार प्रोदूनोवा किया था।" उन्होंने आगे कहा, "अभी हमें निर्णय लेना है कि 2020 ओलंपिक में हम इसे परफॉर्म करेंगे या नहीं।"
दीपा ने बताया मेलबर्न वर्ल्ड कप छोड़ने का कारण
कर्माकर ने मेलबर्न में हो रहे वर्ल्ड कप को छोड़कर बाकू और दोहा में होने वाले लगातार दो वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उनकी टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाइ करने में किस प्रकार मदद करेगा पूछने पर दीपा ने कहा, "हमने मेलबर्न वर्ल्ड कप छोड़ने का निर्णय लिया क्योंकि ऐसा करने पर हमारे पास अन्य दो वर्ल्ड कप की तैयारी करने के लिए थोड़ा ज़्यादा समय रहेगा।"
जिम्नास्टिक काफी खतरनाक इवेंट है- दीपा
जिमनास्टिक खतरनाक है और इसमें स्पाइनल इंजरी हो सकती है। कर्माकर ने कहा, "जिम्नास्टिक काफी खतरनाक इवेंट हैं और आपको नहीं पता होता कि किस इवेंट पर आपको कौन सी चोट लग सकती है। सौभाग्य से अभी तक मुझे कोई स्पाइनल इंजरी नहीं हुई है।"
फिटनेस कैसे मेंटेन रखती हैं दीपा?
कर्माकर ने कहा, "जब मैं प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रही होती हूं तो आमतौर पर काफी ट्रेनिंग करती हूं जिसमें रिहैब सेशन भी शामिल होते हैं। मेरी लिस्ट में स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग, लचीलापन, चुस्ती, स्थिरता और डॉयनमिक मूवमेंट के अलावा जिम्नास्टिक के लिए कुछ जरूरी एक्सरसाइज जुड़ी होती हैं।" उन्होंने आगे कहा, "मशल्स को चपल और मजबूत बनाए रखने के लिए मैं कुछ हैमस्ट्रिंग एक्सरसाइज भी करती हूं। ट्रेनिंग के बाद मैं ढेर सारी स्ट्रेचिंग और मसल मसाज करती हूं।"
उम्मीदों के बोझ और दिमागी प्रेशर को कैसे हैंडल करती हैं?
पूरे भारत को दीपा से काफी उम्मीदें हैं और सभी देशवासी उन्हें टोक्यो ओलंपिक पर पदक जीतते हुए देखने का इंतजार कर रहे हैं। देशवासियों की इतनी ज़्यादा उम्मीदों से वह कैसे निपटती हैं पूछने पर दीपा ने कहा, "मैं इन उम्मीदों को अपनी तैयारियों के बीच प्रेशर नहीं बनने देती हूं। हम केवल उम्मीद कर सकते हैं। चीजें प्लान के मुताबिक होती हैं और हम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने और सम्मानजनक रूप से समाप्ति करने में सक्षम हैं।"
फैंस और NewsBytes के पाठकों के लिए दीपा का संदेश
दीपा ने अलविदा कहते हुए अपने फैंस और NewsBytes के पाठकों को संदेश देते हुए कहा, "मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहूंगी जिन्होंने जिम्नास्टिक और मुझे सपोर्ट किया है। सबसे निवेदन है कि खेल और मेरे प्रति अपना प्यार बनाए रखें।"