
सर्वम AI के नए मॉडल की क्यों हो रही आलोचना और क्या है बहस की वजह?
क्या है खबर?
भारत के प्रमुख आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप सर्वम AI ने अपना नया भाषा मॉडल 'सर्वम-M' लॉन्च किया है।
यह मॉडल फ्रांसीसी मिस्ट्रल स्मॉल पर आधारित 24-अरब पैरामीटर का ओपन-वेट हाइब्रिड LLM है। इसे 10 भारतीय भाषाओं में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें हिंदी, बांग्ला, गुजराती और कन्नड़ शामिल हैं।
यह इंडियाAI मिशन के तहत भारत का स्वदेशी मॉडल बनाने की दिशा में प्रयास है, जिससे तकनीकी क्षेत्र में देश की भूमिका को मजबूत किया जा सके।
आलोचना
मॉडल की धीमी शुरुआत पर उठे सवाल
सर्वम-M को हगिंग फेस पर केवल 2 दिनों में 334 बार ही डाउनलोड किया गया, जिससे इसकी आलोचना होने लगी।
मेनलो वेंचर्स के निवेशक डीडी दास ने इसे 'शर्मनाक' बताया और कहा कि ऐसे इंडिक मॉडल की मांग ही नहीं है। उन्होंने इसे कम उपयोगी बताया और सवाल उठाया कि इतने निवेश के बावजूद यह मॉडल कितना प्रभावी है।
दास ने गूगल और TWO.ai के सस्ते और बेहतर विकल्पों से इसकी तुलना कर इसे कमतर बताया।
मतभेद
भारत में गहराया AI को लेकर मतभेद
दास की आलोचना के बाद भारतीय AI समुदाय में बहस छिड़ गई। कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि सर्वम की कोशिशें जल्दबाजी में खारिज नहीं की जानी चाहिए।
कुछ ने बताया कि मॉडल ने JEE के सवालों के सही जवाब दिए और किसानों व वकीलों के लिए उपयोगी हो सकता है। अन्य ने कहा कि मॉडल निर्माण का तरीका महत्वपूर्ण है।
बहस यह भी उठी कि क्या डाउनलोड ही सफलता का मानक है या तकनीकी नींव और लक्ष्य महत्वपूर्ण हैं।
सवाल
निवेश, राष्ट्रवाद और उपयोगिता पर सवाल
कुछ लोगों ने इस मॉडल को लेकर राष्ट्रवादी गर्व दिखाया, वहीं दूसरों ने पश्चिमी निवेशकों की भूमिका पर सवाल उठाए।
एक्स पर लोगों ने कहा कि मॉडल अच्छा है, पर अभी और सुधार की जरूरत है। AI4भारत के यूजर्स और गूगल के वैज्ञानिकों ने माना कि इंडिक भाषाओं के लिए इस तरह का काम पहले नहीं हुआ था।
हालांकि, आलोचकों ने यह भी कहा कि इंडिक भाषा मॉडल्स के विकास में अब भी कई चुनौतियां बाकी हैं।
जरूरत
भारत के लिए भारत में बने मॉडल की जरूरत
भारत में 60 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देते हैं। कोरोवर का आस्कदिशा या AI4भारत का इंडिकट्रांस2 जैसे मॉडल इसी जरूरत को पूरा करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपनी भाषा में AI समाधान चाहिए, जो देश की विविधता को ध्यान में रखकर बनाए जाएं। सर्वम AI जैसे स्टार्टअप इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं, बशर्ते उन्हें सही मौके और समर्थन मिले।