व्हाट्सऐप की थीम पिंक करने का दावा, भरोसा किया तो होंगे वायरस का शिकार
व्हाट्सऐप का स्कैम्स और मालिशियस लिंक्स से पुराना कनेक्शन है और एक नया मेसेज इन दिनों ऐप पर वायरल हो रहा है। अगर आपके पास भी एक व्हाट्सऐप मेसेज आया है, जिसमें व्हाट्सऐप की डिफॉल्ट थीम को ग्रीन से पिंक पर स्विच करने का विकल्प देने का दावा किया गया है तो ऐसे मेसेज के साथ दिए लिंक पर क्लिक ना करें क्योंकि यह असल में एक वायरस है। इसकी मदद से साइबर क्रिमिनल्स आपके स्मार्टफोन्स हैक कर सकते हैं।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने दी चेतावनी
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राजशेखर राझारिया ने सबसे पहले इस व्हाट्सऐप स्पैम की जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से इस मेसेज से जुड़ी चेतावनी देते हुए लिखा, "व्हाट्सऐप पिंक से बचकर रहें! व्हाट्सऐप ग्रुप्स में एक वायरस APK डाउनलोड लिंक के साथ शेयर किया जा रहा है। व्हाट्सऐप पिंक नाम के साथ शेयर हो रहे किसी लिंक पर क्लिक ना करें।" राजशेखर ने बताया कि इस वायरस का शिकार बनने वाले यूजर्स अपने डिवाइस का पूरा कंट्रोल खो देंगे।
ट्वीट में दी जानकारी
बिल्कुल व्हाट्सऐप जैसा इंटरफेस
खास बात यह है कि व्हाट्सऐप पिंक का यूजर्स इंटरफेस आधिकारिक व्हाट्सऐप ऐप्लिकेशन जैसा ही है। ऐसे में यूजर्स के लिए असली और नकली के बीच फर्क करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, सेटिंग्स मेन्यू में जाने पर कुछ चीजें अलग नजर आती हैं और ऐप बैकग्राउंड में अलग तरह से काम करती है। रोज व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वाले यूजर्स समझ सकते हैं कि इस ऐप में बताए गए कई फीचर्स मेन ऐप का हिस्सा नहीं हैं।
ऐसे मेसेज फॉरवर्ड करने की गलती ना करें
बेहद जरूरी है कि ऐसे व्हाट्सऐप मेसेज आप ग्रुप्स में और दूसरों को फॉरवर्ड ना करें। PTI की रिपोर्ट में कहा गया है कि ढेरों यूजर्स व्हाट्सऐप पिंक से जुड़ा मेसेज शेयर कर रहे हैं। अगर आप सुरक्षित रहना चाहते हैं तो केवल गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर जैसे आधिकारिक स्टोर्स से ही व्हाट्सऐप डाउनलोड करें। थर्ड पार्टी APK फाइल डाउनलोड कर कोई ऐप इंस्टॉल करना कई तरह के रिस्क लेकर आता है।
व्हाट्सऐप ने दी जरूरी सलाह
व्हाट्सऐप स्पोक्सपर्सन ने कहा, "किसी यूजर को किसी सर्विस पर अजीब, अलग या संदिग्ध मेसेज आ सकता है, जिसमें ईमेल भी शामिल है। कभी भी ऐसा हो तो हम सभी को इसपर ऐक्शन लेने या प्रतिक्रिया देने से पहले सावधान रहने की सलाह देते हैं।" स्पोक्सपर्सन ने कहा, "यूजर्स ऐप में मिलने वाले टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं और इस तरह के मेसेजेस को रिपोर्ट करने के अलावा इन्हें भेजने वाले कॉन्टैक्स्ट को रिपोर्ट या ब्लॉक कर सकते हैं।"