किसी चट्टानी ग्रह के कोर में हो सकता है पानी, नए अध्ययन में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
अंतरिक्ष के वैज्ञानिक लंबे समय से ब्रह्मांड में मौजूद किसी ग्रह पर तरल पानी की तलाश कर रहे हैं। एक नए शोध से पता चला है कि कुछ चट्टानी ग्रहों के पिघले हुए कोर में भारी मात्रा में पानी हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, किसी ग्रह का 95 प्रतिशत पानी हमेशा के लिए उसके लोहे के कोर के अंदर फंसा रह सकता है, जिससे संभावित रूप से वे हमारी कल्पना से भी ज्यादा रहने योग्य बन सकते हैं।
शोध
वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
स्विट्जरलैंड में ग्रहों की प्रोफेसर कैरोलीन डोर्न ने एक बयान में कहा, "ग्रहों में पहले से कहीं ज्यादा पानी है।"
इस अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों का मानना है अगर किसी ग्रह के वायुमंडल में पानी मिलता है तो पूरी संभावना है कि उसके आंतरिक भाग में वायुमंडल से भी अधिक पानी होगा।
एक अध्ययन में पाया गया कि पृथ्वी के आंतरिक भाग में महासागरों के रूप में सतह पर मौजूद पानी की तुलना में लगभग दर्जनों गुना अधिक पानी है।
बयान
द्रव्यमान के अनुसार होगा पानी
डोर्न ने कहा, "ग्रह जितना बड़ा होगा और उसका द्रव्यमान जितना अधिक होगा, उतना ही अधिक पानी लोहे की बूंदों के साथ जाएगा और कोर में एकीकृत हो जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "कुछ परिस्थितियों में लोहा सिलिकेट की तुलना में 70 गुना अधिक पानी को अवशोषित कर सकता है। हालांकि, कोर पर अत्यधिक दबाव के कारण पानी अब अणुओं का रूप नहीं लेता है, बल्कि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में मौजूद होता है।"