सोलर फ्लेयर से हुआ रेडियो ब्लैकआउट, कल पृथ्वी पर आ सकता है सौर तूफान
सूर्य के उत्तरी हिस्से में इन दिनों कई सनस्पॉट सक्रिय हैं। इन्हीं सक्रिय सनस्पॉट में से एक में बीते दिन (2 नवंबर) को विस्फोट हुआ, जिससे M-श्रेणी के 2 सोलर फ्लेयर उत्पन्न हुआ। सोलर फ्लेयर के प्रभाव के कारण अमेरिकी और अफ्रीकी महाद्वीप में कल शॉर्टवेब रेडियो ब्लैकआउट भी हुआ था, जिसके कारण नाविकों, आपातकालीन विभागों और रेडियो सिग्नल का उपयोग करने वाले अन्य लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कल पृथ्वी पर आ सकता है सौर तूफान
अंतरिक्ष वेबसाइट स्पेस वेदर के अनुसार, सनस्पॉट में हुए विस्फोट से कोरोनल मास इंजेक्शन क्लाउड (CME) भी उत्पन्न भी हुआ है। यह CME कल (4 नवंबर) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र से टकरा सकता है, जिससे पृथ्वी पर G1-श्रेणी के सौर तूफान के आने की आशंका भी जताई जा रही है। इस CME के प्रभाव के कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में लोगों को आसमान में रंगीन प्रकाश भी देखने को मिलेगा, जिसे अरोरा कहा जाता है।
सौर तूफान से क्या है खतरा?
सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर वैज्ञानिकों ने G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है। सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर सकते हैं। अत्यधिक शक्तिशाली होने पर ये पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। बता दें कि G1-श्रेणी का सौर तूफान काफी हल्का होता है, लेकिन G5-श्रेणी का सौर तूफान काफी शक्तिशाली होता है।