रूस 2036 तक चंद्रमा पर स्थापित करेगा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, जानिए क्या है उद्देश्य
क्या है खबर?
रूस 2036 तक चंद्रमा पर एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहा है, ताकि वह अपने चंद्र अंतरिक्ष कार्यक्रम और एक संयुक्त रूसी-चीनी अनुसंधान केंद्र के लिए ऊर्जा की आपूर्ति कर सके। यह कदम अंतरिक्ष कार्यक्रम में हाल की असफलताओं के बाद उठाया गया है, जिसमें अगस्त, 2023 में उसके मानवरहित लूना-25 मिशन का दुर्घटनाग्रस्त होना भी शामिल है। रूस भी उन देशाें में शामिल हो गया है, जो चंद्रमा का अन्वेषण करने की होड़ में हैं।
उद्देश्य
इसलिए स्थापित किया जा रहा संयंत्र
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने लावोचकिन एसोसिएशन एयरोस्पेस कंपनी के साथ चंद्र विद्युत संयंत्र के निर्माण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उपयोग चंद्र मिशन को ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जाएगा, जिसमें रोवर, एक वेधशाला और रूसी-चीनी संयुक्त अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान केंद्र के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है। इस परियोजना को चंद्रमा पर एक स्थायी वैज्ञानिक केंद्र स्थापित करने और दीर्घकालिक अन्वेषण कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
ऊर्जा स्रोत
चंद्र अन्वेषण में परमाणु ऊर्जा की भूमिका
रोस्कोस्मोस ने स्पष्ट रूप से यह पुष्टि नहीं की है कि संयंत्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा, लेकिन उसने खुलासा किया है कि इस परियोजना में रूसी सरकारी परमाणु निगम रोसाटॉम और शीर्ष परमाणु अनुसंधान संस्थान कुर्कातोव शामिल हैं। अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख दिमित्री बकानोव ने जून में कहा था कि उनका एक लक्ष्य चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना है। इससे अधिक जटिल मिशन और चंद्र सतह पर दीर्घकालिक प्रवास संभव हो सकेगा।