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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISS पहुंचे शुभांशु शुक्ला से की बातचीत, पूछे कई अहम सवाल 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISS पहुंचे शुभांशु शुक्ला से की बातचीत, पूछे कई अहम सवाल 

Jun 28, 2025
06:14 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर मौजूद भारतीय अंतरिक्ष यात्री और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से सीधी बातचीत की है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक्स अकाउंट पर इसकी जानकारी दी गई है। इस दौरान मोदी ने शुक्ला की उपलब्धि की सराहना की और इसे पूरे देश के लिए गर्व का क्षण और भारत के गगनयान मिशन की दिशा में एक कदम बताया। शुभांशु शुक्ला ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं।

संदेश 

प्रधानमंत्री ने कही यह बात 

प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु शुक्ला बातचीत के दौरान, "आज आप हमारी मातृभूमि से दूर हैं, लेकिन आप भारतीयों के दिलों के सबसे करीब हैं...आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नये युग का शुभारंभ भी है।" उन्होंने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि ISS पहुंचने के बाद पहला विचार क्या आया था? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि पहली बार अंतरिक्ष से भारत को देखा तो वो बहुत भव्य और बड़ा दिखता है।

ट्विटर पोस्ट

प्रधानमंत्री ने मोदी ने यह कहा 

बातचीत 

साथियों को खिलाया गाजर का हलवा

प्रधानमंत्री के वहां की परस्थितियों के बारे में पूछने पर शुक्ला ने कहा, "हमने ट्रेनिंग की थी, लेकिन यहां आकर सब बदल जाता है। यहां माइक्रो ग्रेविटी है। छोटी-छोटी चीजें मायने रखती हैं। आप से बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है।" प्रधानमंत्री ने पूछा, "आप जो गाजर का हलवा लेकर गए थे, उसे साथियों को खिलाया या नहीं।" इसके जवाब में शुक्ला ने कहा, "मैंने मूंग और गाजर के हलवे को सबके साथ बैठकर खाया है।"

प्रयोग 

60 वैज्ञानिक प्रयोगों का हिस्सा होंगे शुक्ला 

शुभांशु शुक्ला ISS में करीब 2 सप्ताह तक प्रवास करेंगे और इस दौरान लगभग 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे। इनमें 7 भारत के होंगे। इन प्रयोगों में अंतरिक्ष और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों को समझा जाएगा। एक खास प्रयोग में 6 तरह के बीजों पर अंतरिक्ष यात्रा के प्रभावों की जांच होगी। इस एक्सिओम-4 मिशन में भारत के अलावा अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। यह मिशन अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक अनूठा उदाहरण है।