
माइक्रोसॉफ्ट एज बना AI वेब ब्राउजर, कंपनी ने जोड़ा 'कोपायलट मोड' फीचर
क्या है खबर?
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने लोकप्रिय वेब ब्राउजर एज को एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वेब ब्राउजर के रूप में बदल दिया है। कंपनी ने 'कोपायलट मोड' नामक नया फीचर लॉन्च किया है, जो यूजर्स को वेब ब्राउजिंग में AI की मदद लेने की सुविधा देता है। यह फीचर यूजर की जरूरतें समझने, भविष्यवाणी करने और उसके अनुसार सुझाव देने की क्षमता रखता है। यह फीचर फिलहाल टेस्टिंग के लिए मुफ्त में उपलब्ध है और यह ऑप्ट-इन मोड में है।
काम
कैसे काम करता है कोपायलट मोड?
कोपायलट मोड को ऑन करने पर यूजर को एज ब्राउजर में एक नया टैब पेज दिखता है जहां वह सर्च, चैट और नेविगेशन कर सकता है। किसी वेबसाइट पर जाकर यूजर कोपायलट से सवाल पूछ सकता है, जैसे कि कोई रेसिपी शाकाहारी कैसे बनाएं और AI उस पर सुझाव देगा। इससे यूजर को बार-बार कॉपी-पेस्ट नहीं करना पड़ेगा और सीधा पेज पर ही मदद मिल जाती है। यह तरीका ब्राउजिंग को ज्यादा स्मार्ट और तेज बनाता है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें पोस्ट
Today we’re introducing Copilot Mode in Edge, our first step in reinventing the browser for the AI age.
— Satya Nadella (@satyanadella) July 28, 2025
My favorite feature is multi-tab RAG. You can use Copilot to analyze your open tabs, like I do here with papers our team has published in @Nature journals over the last year.… pic.twitter.com/iF0gmbqTSW
खासियत
रोजमर्रा के कामों में मददगार
माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि कोपायलट यूजर के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने, शॉपिंग लिस्ट बनाने और कंटेंट तैयार करने जैसे काम भी कर सकता है। जैसे कोई यूजर Booking.com जैसी साइटों पर कमरा या फ्लाइट बुक करना चाहता है, तो कोपायलट उसकी मदद कर सकता है। हालांकि, वेबसाइट की जानकारी होने पर यूजर खुद भी यह काम कर सकता है। फिर भी, वॉइस इनपुट जैसी सुविधाएं इस फीचर को कई लोगों के लिए फायदेमंद बनाती हैं।
अन्य खासियत
रिसर्च में भी करेगा सहयोग
कोपायलट यूजर की अनुमति से सभी खुले टैब देख सकता है और यह समझ सकता है कि यूजर क्या रिसर्च कर रहा है। जैसे अगर कोई व्यक्ति कई साइटों पर होटल या फ्लाइट की तुलना कर रहा हो, तो कोपायलट उसकी मदद कर सकता है। भविष्य में, फीचर यह भी सुझाव देगा कि यूजर ने प्रोजेक्ट कहां छोड़ा था। हालांकि, कुछ लोगों को यह बात असहज कर सकती है कि AI उनके ब्राउजिंग डाटा को देख और सुन सकता है।