आदित्य-L1 के सफल लॉन्चिंग के बाद ISRO का अगला मिशन क्या है?
आदित्य-L1 मिशन की सफल लॉन्चिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने अगले मिशन को लॉन्च करने के लिए तैयार है। ISRO ने खगोल विज्ञान में वैज्ञानिक समझ को बढ़ाने के उद्देश्य से एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) नामक मिशन तैयार किया है। यह भारत का पहला पोलारिमेट्री मिशन होगा। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में मौजूद उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन किया जाएगा।
XPoSat अंतरिक्ष यान अपने साथ ले जाएगा 2 पेलोड
XPoSat अंतरिक्ष यान अपने साथ पृथ्वी की निचली कक्षा में 2 पेलोड ले जाएगा। ISRO के अनुसार, पहला पेलोड एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण (POLIX) खगोलीय मूल के 8-30 keV फोटॉनों की मध्यम एक्स-रे ऊर्जा रेंज में पोलारिमेट्री डिग्री और कोण को मापेगा, जबकि दूसरा एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग (XSPECT) पेलोड 0.8-15 keV की ऊर्जा रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा। इस मिशन को कब लॉन्च किया जाएगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है।
मिशन का कार्यकाल
इस मिशन का कार्यकाल 5 वर्ष होगा। इस दौरान POLIX के जरिये विभिन्न श्रेणियों के लगभग 40 खगोलीय स्रोतों का निरीक्षण करने की उम्मीद है। ISRO के अनुसार, विभिन्न खगोलीय स्रोतों जैसे ब्लैकहोल, न्यूट्रॉन तारे, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियस, पल्सर विंड नेबुला से उत्सर्जन तंत्र जटिल भौतिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होता है और इसे समझना चुनौतीपूर्ण है। XSPECT X-रे पल्सर और ब्लैकहोल बाइनरी जैसे कई प्रकार के स्रोतों का निरीक्षण करेगा।