ISRO इस हफ्ते लॉन्च करेगा सबसे बड़ा कमर्शियल सैटेलाइट, जानिए इसकी खासियत
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल सैटेलाइट इस हफ्ते लॉन्च करने वाला है। 24 दिसंबर, 2025 की सुबह 08:54 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को LVM3-M6 मिशन के तहत भेजा जाएगा। इस सैटेलाइट के जरिए पहाड़ों, समुद्रों और दूरदराज इलाकों तक मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने का लक्ष्य है। यह मिशन ISRO के लिए कमर्शियल स्पेस सेक्टर में एक अहम कदम माना जा रहा है।
खासियत
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 की खासियत क्या है?
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को अमेरिका की कंपनी AST स्पेस मोबाइल ने तैयार किया है। यह सैटेलाइट लगभग 6,500 किलो वजनी है और पहले के मॉडल्स से 10 गुना ज्यादा बैंडविड्थ देगा, जिससे नेटवर्क क्षमता काफी बढ़ेगी। ऑर्बिट में पहुंचने के बाद यह 223 वर्ग मीटर का बड़ा एंटीना खोलेगा, जो तकनीकी रूप से बेहद उन्नत है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह बिना किसी खास डिवाइस के सीधे सामान्य स्मार्टफोन से कनेक्टिविटी देने में सक्षम होगा।
कनेक्टिविटी
कैसे बदलेगी मोबाइल कनेक्टिविटी?
इस सैटेलाइट से 5,600 से ज्यादा सिग्नल सेल बनाए जाएंगे, जिससे 4G और 5G नेटवर्क पर कॉल, मैसेज और तेज डाटा ट्रांसफर संभव होगा। यूजर्स को न तो नया फोन लेना होगा और न ही कोई अतिरिक्त एंटीना लगाना पड़ेगा, जिससे आम लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। शुरुआती चरण में अमेरिका में कवरेज बढ़ेगा, जबकि बाद में इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जाएगा। इसका मकसद उन इलाकों में नेटवर्क पहुंचाना है जहां अभी मोबाइल सेवा मुश्किल है।
अन्य
भारत के स्पेस सेक्टर के लिए अहम
इस मिशन में ISRO के ताकतवर LVM3 रॉकेट का इस्तेमाल होगा, जिसे 'बाहुबली' भी कहा जाता है और जो भारी पेलोड ले जाने में सक्षम है। यह सैटेलाइट करीब 520 किलोमीटर ऊंचाई पर लो-अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा, जहां से यह बेहतर कवरेज देगा। सफल लॉन्च के बाद यह भारत से भेजा गया सबसे भारी कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट होगा। इस मिशन से भारत की ग्लोबल स्पेस मार्केट में साख और मजबूत होगी और डिजिटल कनेक्टिविटी के नए रास्ते खुलेंगे।