
ISRO-नासा का निसार मिशन 20 मई को होगा लॉन्च, जानिए इसका उद्देश्य
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और नासा मिलकर नासा-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) मिशन को इसी साल लॉन्च करेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, इस मिशन को 20 मई, 2025 को भारतीय समयानुसार सुबह 06:00 बजे लॉन्च किया जा सकता है।
निसार मिशन पहले 2024 की शुरुआत में लॉन्च होना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण इसमें देरी हुई। लॉन्च पैड की उपलब्धता और ग्रहण काल के कारण भी लॉन्च आगे बढ़ा दिया गया।
मिशन
क्या है निसार मिशन?
निसार मिशन नासा और ISRO की संयुक्त परियोजना है, जो पृथ्वी की सतह और बर्फ के अध्ययन के लिए बनाया गया है।
यह दुनिया का पहला डुअल-फ्रीक्वेंसी रडार सैटेलाइट होगा, जो L-बैंड और S-बैंड रडार का उपयोग करेगा। इससे ग्लेशियरों, जंगलों, भूकंपों, कृषि, ज्वालामुखियों और भूमि उपयोग में हो रहे बदलावों की जानकारी मिलेगी।
इस मिशन की लागत 1 अरब डॉलर लगभग 85 अरब रुपये) से अधिक है, जिसमें नासा और ISRO दोनों का योगदान शामिल है।
खासियत
खासियत और तकनीकी विशेषताएं
निसार मिशन अत्याधुनिक रडार तकनीक से लैस है, जिसमें नासा द्वारा विकसित L-बैंड रडार और ISRO द्वारा विकसित S-बैंड रडार शामिल हैं।
यह सैटेलाइट 12 दिनों में पूरी पृथ्वी का स्कैन कर सकता है और 246 किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र कवर करेगा।
इसमें ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS), डाटा प्रोसेसिंग यूनिट और स्पेसक्राफ्ट बस का उपयोग किया गया है। इसे GSLV रॉकेट से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।
उद्देश्य
मिशन का उद्देश्य क्या है?
निसार मिशन का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और पृथ्वी की सतह में हो रहे बदलावों का अध्ययन करना है।
यह भूकंप, भूस्खलन, बर्फ के पिघलने और कृषि परिवर्तनों का सटीक डाटा प्रदान करेगा, जिससे वैज्ञानिक बेहतर पूर्वानुमान लगा सकेंगे।
इस मिशन से पर्यावरणीय सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और वैश्विक जलवायु परिवर्तन को समझने में मदद मिलेगी। यह भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा।