ISRO ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया इस साल का पहला मिशन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस साल के अपने पहले मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। रविवार को ISRO ने श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C51को लॉन्च किया। इस मिशन पर अमेजोनिया-1 और 18 दूसरे सैटेलाइट भेजे गए हैं। ISRO ने बताया कि यह मिशन रविवार सुबह 10:24 मिनट पर सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया था। शनिवार सुबह 08:54 बजे इसका काउंटडाउन शुरू हो गया था। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
ब्राजील का सैटेलाइट है अमेजोनिया-1
PSLV (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) C51/अमेजोनिया-1 ISRO की वाणिज्य इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। मिशन पर भेजा गया अमेजोनिया-1 ब्राजील का सैटेलाइट है। इसके बारे में बताया गया है कि यह सैटेलाइट अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के क्षेत्र में विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा और मौजूदा ढांचे को और मजबूत बनाने में मदद करेगा।
पहली बार भारतीय रॉकेट से भेजा गया ब्राजीली सैटेलाइट
यह पहली बार है जब किसी भारतीय रॉकेट से ब्राजीली सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है। लॉन्चिंग के बाद बयान देते हुए ISRO प्रमुख के सिवन ने कहा, "ब्राजील द्वारा तैयार किए गए पहले सैटेलाइट को लॉन्च कर भारत और ISRO गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। सैटेलाइट सही स्थिति में है। मैं ब्राजील की टीम को बधाई देता हूं।" इस मिशन के साथ ही ISRO अब तक विदेशों के 342 सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर भी भेजी गई
रविवार को मिशन पर जिन सैटेलाइट्स को भेजा गया है, उनमें चेन्नई की स्पेस किड्स इंडिया (SKI) का सतीश धवन सैटेलाइट भी शामिल है। इसके ऊपरी पैनल पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर उकेरी गई है। साथ ही एक मेमोरी कार्ड में भगवद्गीता को भेजा गया है। वहीं तीन सैटेलाइट्स श्रीपेरंबदुर में स्थित जेप्पिआर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में स्थित जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और कोयंबटूर स्थित श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने तैयार किया है।
देश के लिए बेहद खास है PSLV-C51- सिवन
मिशन को लॉन्च करने से पहले सिवन ने कहा था कि PSLV-C51 पूरे देश के लिए खास बात है। इसके साथ भारत में अंतरिक्ष सुधारों के नए युग की शुरुआत हो रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि निजी क्षेत्र इस कवायद को आगे लेकर जाएगा।