नीति आयोग के CEO ने कहा, दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल हैंडसेट मैन्युफैक्चरर है भारत
क्या है खबर?
भारत दुनिया के सबसे स्मार्टफोन मार्केट्स में शामिल है और नीति आयोग ने देश में मोबाइल डिवाइसेज की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ा डाटा शेयर किया है।
सैमसंग, रियलमी, ओप्पो और शाओमी जैसी कंपनियां हर साल ढेरों नए मॉडल्स लॉन्च कर रही हैं और इन्होंने स्मार्टफोन्स की भारत में मैन्युफैक्चरिंग भी शुरू कर दी है।
वॉल्यूम के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर बन चुका है और इसकी जानकारी नीति आयोग CEO ने दी है।
डाटा
नीति आयोग CEO ने शेयर किया डाटा
नीति (NITI) आयोग के CEO अमिताभ कांत ने एक ट्वीट में बताया है कि भारत में 200 यूनिट्स सेल्युलर मोबाइल फोन्स मैन्युफैक्चर कर रही हैं, जो संख्या साल 2014 में केवल दो यूनिट्स थी।
उन्होंने बताया कि साल 2014-15 में मोबाइल फोन्स का प्रोडक्शन करीब छह करोड़ मोबाइल फोन्स का था, जो साल 2020-21 में बढ़कर लगभग 30 करोड़ यूनिट्स तक पहुंच गया है।
नए स्मार्टफोन मेकर्स भी भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स लगा रहे हैं।
डॉक्यूमेंट
मंत्रालय ने जारी किया विजन डॉक्यूमेंट
स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग को तेजी से मिली बढ़त आगे भी बरकरार रहे, इसके लिए हाल ही में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का दूसरा वॉल्यूम ऑफ विजन डॉक्यूमेंट जारी किया गया है।
इस डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से जुड़ा अगले पांच साल का रोडमैप शेयर किया गया है।
डॉक्यूमेंट को मंत्रालय ICEA के साथ मिलकर लाई है और इसके साथ साल 2026 तक 300 अरब डॉलर का मैन्युफैक्चरिंग मार्केट बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रोडक्ट्स
भारत में बन रहे हैं ये हार्डवेयर प्रोडक्ट्स
देश में मैन्युफैक्चर किए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक्स में से की-प्रोडक्ट्स मोबाइल फोन्स, IT हार्डवेयर (लैपटॉप, टैबलेट्स) और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स (टीवी और रेडियो) शामिल हैं।
इनके अलावा इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, LED लाइटिंग, स्ट्रैटजिक इलेक्ट्रॉनिक्स, PCBA, वियरेबल्स एंड हियरेबल्स और टेलिकॉम इक्विपमेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग भी भारत में हो रही है।
ज्यादातर कंपनियां अब बने-बनाए इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स के मुकाबले कंपोनेंट्स भारत में मंगवाती हैं और प्रोडक्ट्स यहीं मैन्युफैक्चर करती हैं।
मार्केट
अगले पांच साल में मार्केट को मिलेगी बढ़त
डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि स्थानीय मार्केट की वैल्यू अगले पांच साल में 65 अरब डॉलर से बढ़कर 180 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।
साल 2026 तक इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट्स के मामले में भारत 2-3 टॉप रैंकिंग पर पहुंच जाएगा।
सरकार की कोशिश ग्लोबल ब्रैंड्स को भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए बेहतर सुविधाएं देने की है।
इसके अलावा भारतीय ब्रैंड्स को सरकारी योजनाओं के साथ सहायता दी जाएगी और मैन्युफैक्चरिंग में मदद मिलेगी।
योजना
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार भी करेगी निवेश
सरकार ने जिस 300 अरब डॉलर की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का लक्ष्य रखा है, उनमें से 10 अरब डॉलर भारत सरकार की ओर से मिलने वालीं अलग-अलग योजनाओं के साथ आएंगे।
इस निवेश के साथ सरकार सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम को बेहतर बनाना चाहती है।
अगले छह साल के लिए सरकार ने करीब 17 अरब डॉलर के निवेश का वाला ऐसी योजनाओं के लिए किया है, जो सेमीकंडक्टर और डिजाइन, स्मार्टफोन्स, IT हार्डवेयर और कंपोनेंट्स से जुड़ी होंगी।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में स्मार्टफोन कंपोनेंट्स का आयात, बने-बनाए यूनिट्स के मुकाबले सस्ता पड़ता है। सरकार कंपोनेंट्स और पार्ट्स पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी और टैक्स जानबूझकर कम रखती है, जिससे कंपनियां देश में ही प्रोडक्शन करें और रोजगार के अवसर पैदा हों।