
HIV रोकने की नई दवा 'येज्टुगो' कैसे असरदार है और कितनी है इसकी कीमत?
क्या है खबर?
अमेरिका की FDA ने HIV से बचाने वाली दवा 'येज्टुगो' (लेनाकापाविर) को मंजूरी दी है।
यह साल में सिर्फ 2 बार इंजेक्शन के रूप में दी जाती है और 6 महीने तक असर करती है। इसे दवा कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह दवा महामारी को रोकने में मदद कर सकती है। यह उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो रोज गोलियां लेने में कठिनाई महसूस करते हैं।
असर और कीमत
कैसे असरदार है येज्टुगो और इसकी कीमत?
परीक्षण में यह दवा महिलाओं में 100 प्रतिशत और अन्य लोगों में 96 प्रतिशत तक असरदार पाई गई है। यह मौजूदा दवाओं से बेहतर मानी जा रही है।
हालांकि, अमेरिका में इसकी कीमत काफी ज्यादा (करीब 24 लाख रुपये सालाना) है। इसकी तुलना में पुरानी जेनेरिक दवाएं जैसे ट्रुवाडा बहुत सस्ती हैं।
गिलियड का कहना है कि वह गरीब देशों के लिए कीमतें कम करने की योजना पर काम कर रहा है।
मंजूरी
भारत में अभी मंजूरी नहीं, लेकिन तैयारी जारी
भारत में अभी इस दवा को मंजूरी नहीं मिली है। पेटेंट की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और फैसला आने में थोड़ा समय लग सकता है।
भारत में HIV से पीड़ित लोगों की संख्या करीब 31 लाख है, इसलिए येज्टुगो भारत के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
गिलियड ने भारत की कई दवा कंपनियों से लाइसेंसिंग समझौते किए हैं, ताकि मंजूरी मिलने के बाद कंपनियां जेनेरिक दवा बनाकर 120 से ज्यादा देशों में सस्ती कीमत पर बेच सकें।
लाभ
कौन-कौन लोग इस दवा से फायदा ले सकेंगे?
यह दवा खासतौर पर उन लोगों के लिए बनी है, जो HIV के ज्यादा खतरे में हैं, जैसे महिला यौनकर्मी, पुरुषों के साथ संबंध रखने वाले पुरुष, ट्रांसजेंडर, ड्रग यूज करने वाले और असुरक्षित यौन संबंध रखने वाले लोग।
भारत में पहले से कई सस्ती HIV दवाएं मौजूद हैं, लेकिन येज़्टुगो एक नई और बड़ी उम्मीद बनकर आई है।
इसकी लंबी असर वाली खासियत और कम डोज की जरूरत इसे एक बेहतर और प्रभावी विकल्प बना सकती है।