हर साढ़े चार मिनट में आपका डाटा गूगल और ऐपल को भेजते हैं स्मार्टफोन्स- रिपोर्ट
क्या है खबर?
यूजर्स पिछले कुछ साल में अपने डाटा की सुरक्षा को लेकर जागरूक हुए हैं और ऐपल, गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां भी यूजर्स डाटा को लेकर पारदर्शिता लाने का दावा कर रही हैं।
अगर आप उन यूजर्स में से हैं, जो अपना डाटा इन कंपनियों के साथ शेयर नहीं करना चाहते तो आपको सतर्क होने की जरूरत है।
नई रिपोर्ट में सामने आया है कि ऐपल आईफोन्स और गूगल एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स की मदद से कंपनियां यूजर्स को ट्रैक करती हैं।
रिपोर्ट
हर पांच मिनट के अंदर कंपनियों को भेजा जाता है डाटा
द आइरिश टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि एंड्रॉयड फोन्स और आईफोन्स दोनों प्लेटफॉर्म्स अपनी कंपनियों को हर साढ़े चार मिनट में एक बार डाटा भेजते हैं।
रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ऐसा तब भी किया जाता है, जब यूजर्स अपना डिवाइस ऐक्टिवली इस्तेमाल नहीं कर रहे होते।
ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन के प्रोफेसर डग लीथ की ओर से की गई स्टडी को इस रिपोर्ट का आधार बनाया गया है।
स्टडी
डाटा जुटाने की प्रैक्टिस पर उठे सवाल
प्रोफेसर डग ने कहा कि कंपनियां इस आधार पर डाटा नहीं जुटातीं कि यूजर्स अपना फोन कितनी देर इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "ज्यादातर लोग यह बात स्वीकार करेंगे कि ऐपल और गूगल हमारे फोन से डाटा आईक्लाउड या गूगल ड्राइव जैसी सेवाएं देने के लिए जुटाती हैं। हालांकि, जब हम अपना फोन केवल कॉल्स करने और रिसीव करने के लिए करते हैं, यह समझना मुश्किल है कि गूगल और ऐपल को डाटा कलेक्ट करने की जरूरत क्यों है।"
तुलना
एंड्रॉयड फोन्स ने भेजा ज्यादा डाटा
अक्सर यह कहा जाता है कि गूगल के एंड्रॉयड डिवाइस ऐपल आईफोन्स के मुकाबले ज्यादा डाटा शेयर करते हैं, लेकिन रिपोर्ट में दोनों एक जैसी प्रैक्टिसेज करते दिखे।
टेस्ट में यह जरूर सामने आया कि गूगल पिक्सल में 12 घंटे में जहां 1MB डाटा भेजा, वहीं आईफोन्स से इस दौरान केवल 52KB डाटा भेजा गया।
कंपनियों के साथ शेयर की गई जानकारी में हार्डवेयर सीरियल नंबर, वाई-फाई मैक एड्रेस, IMEI, फोन नंबर और सिम डीटेल्स शामिल हैं।
वजह
डाटा कलेक्शन पर गूगल की सफाई
ऐपल ने इस प्रैक्टिस पर कुछ नहीं कहा लेकिन गूगल ने इसकी वजह समझाते हुए सफाई दी।
गूगल स्पोक्सपर्सन ने कहा कि यह डाटा तय करता है कि यूजर्स के डिवाइस का सॉफ्टवेयर अप-टू-डेट है।
स्पोक्सपर्सन ने कहा, "रिसर्च दिखाती है कि स्मार्टफोन्स कैसे काम करते हैं। इस रिपोर्ट का इस्तेमाल यूजर्स को बेहतर सेवाएं देने के लिए किया जाता है।"
इस डाटा कलेक्शन प्रक्रिया से बचे रहने का या इसे डिसेबल करने का कोई विकल्प यूजर्स को नहीं मिलता।