कोरोना वायरस: जानकारी देने के नाम पर ऐप के जरिये आपको निशाना बना सकते हैं हैकर
क्या है खबर?
महामारी बन चुके कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण दुनियाभर में डर का माहौल है।
लोग मिलकर इस चुनौती का सामना करने में लगे हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस माहौल का गलत फायदा उठा रहे हैं।
कुछ दिन पहले हमने आपको बताया था कि कोरोना वायरस की जानकारी देने के नाम पर एक टूल के जरिए लोगों की जानकारियां चुराई जा रही हैं। अब यही काम एंड्रॉयड ऐप के जरिये भी शुरू हो गया है।
जानकारी
COVID-19 Tracker ऐप से की जा रही धोखाधड़ी
इंटरनेट पर COVID-19 Tracker नाम से एक ऐप शेयर हो रही है। दावा किया जाता है कि यह ऐप कोरोना वायरस से जुड़ी रियल टाइम जानकारी देती है। यूजर से इसे डाउनलोड करने को कहा जाता है।
साइबर अटैक
अटैक होने के बाद अपने ही फोन को अनलॉक नहीं कर पाएगा यूजर
जैसे ही यूजर इस ऐप को डाउनलोड करता है इसमें लगाया गया रैंसमवेयर 'कोविडलॉक' फोन का पूरा एक्सेस अपने पास ले लेता है और यूजर को ब्लॉक कर देता है। ऐसा होने के बाद यूजर अपने ही फोन का स्क्रीन लॉक नहीं खोल पाएगा।
जानकारों का कहना है कि यह रैंसमवेयर पासवर्ड बदल देता है, जिस कारण यूजर फोन अनलॉक नहीं पाता। इसे स्क्रीन लॉक अटैक भी कहा जाता है और पहले भी इसके कई मामले सामने आ चुके हैं।
फिरौती
लॉक खोलने के लिए मांगे जाते हैं बिटकॉइन
फोन में यह रैंसमवेयर डाउनलोड करने के बाद हैकर यूजर से लॉक खोलने के लिए बिटकॉइन की मांग करते हैं। अगर यूजर 48 घंटे में यह मांग पूरी नहीं करता है तो वो उसे उसकी फोटो, वीडियो और डाटा डिलीट करने की धमकी देते हैं।
साथ ही वो यूजर के सोशल मीडिया अकाउंट की संवेदनशील जानकारियां भी इंटरनेट पर शेयर करने की धमकी देते हैं। अभी तक यह पता नहीं चला है कि कितने लोग इसके झांसे में आए हैं।
पुराना मामला
पहले भी सामने आया है ऐसा मामला
कुछ दिन पहले 'Corona-virus-Map.com.exe' नाम का एक टूल के जरिए लोगों की जानकारियां चुराने की कोशिश की जा रही थी।
इंटरनेट पर शेयर हो रहे इस टूल के ग्राफिक देखने पर लगेगा कि इसमें कोरोना वायरस से जुड़ी सभी जानाकारियां हैं, लेकिन ग्राफिक के पीछे एक मालवेयर काम कर रहा है, जिस पर क्लिक करते ही आपके पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड इंफो और दूसरी संवेदनशील जानकारियां हैकर्स तक पहुंच जाएंगी।
सबसे पहले 2016 में इस मालवेयर का पता लगा था।
बचाव
ऐसे अटैक से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
अगर आप ऐसे अटैक से बचना चाहते हैं तो जरूरी है कि थर्ड पार्टी ऐप्स को अपने फोन में इंस्टॉल न करें।
साथ ही यह ध्यान रखें कि ऑपरेटिंग सिस्टम की अपडेट आते ही उसे इंस्टॉल कर लें। ऐपल, गूगल और विंडो समेत सभी कंपनियां अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को समय-समय पर अपडेट करती रहती हैं। इसलिए अपने सिस्टम को अपडेट रखें।
फोन या अपने कंप्यूटर-लैपटॉप में एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर रखें। समय-समय पर अपने फोन को स्कैन करते रहें।