सरकार की गूगल पर एक सप्ताह में दूसरी बड़ी कार्रवाई, लगाया 936 करोड़ का जुर्माना
दिग्गज टेक कंपनी और सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल पर सरकार ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्ले स्टोर नीतियों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग कर प्रतिस्पर्धा को बाधित करने के मामले में 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह पिछले एक सप्ताह में CCI द्वारा गूगल पर की गई दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले गूगल पर 20 अक्टूबर को गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
गूगल पर क्यों लगाया गया है जुर्माना?
देश में एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन उपभोक्ताओं ने 2019 में प्ले स्टोर पर अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर CCI में गूगल के खिलाफ शिकायत दी थी। इसको लेकर बाद CCI ने अप्रैल 2019 में गूगल के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए थे। इस जांच के आधार पर कहा गया था कि गूगल ने मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MADA) समझौतों का उल्लंघन किया है और अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाया है।
कैसे फायदा उठाता है गूगल?
रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल ऐप चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) की जरूरत पड़ती है। गूगल एंड्रायड OS का संचालन और प्रबंधन करती है तथा अन्य ऐप को लाइसेंस जारी करती है। मूल उपकरण निर्माता (OEM) इस OS और गूगल ऐप का अपने मोबाइल में इस्तेमाल करते हैं। वह अपने अधिकारों के नियंत्रण के लिए मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MDA) समेत कई समझौते करते हैं। CCI के अनुसार, गूगल ने इन समझौतों का उल्लंघन किया है।
CCI ने 20 अक्टूबर को भी लगाया था गूगल पर जुर्माना
CCI ने इस मामले में 20 अक्टूबर को गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था और कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया था। इसी तरह CCI ने गूगल को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपने कामकाज के तरीके को संशोधित करने के भी निर्देश दिए थे, लेकिन कंपनी आदेशों की सही तरह से पालना नहीं कर पाई। इसके बाद गूगल पर अब फिर से जुर्माना लगाया गया है।
CCI की कार्रवाई पर गूगल ने दी थी प्रतिक्रिया
CCI की कार्रवाई पर गूगल ने सफाई देते हुए कहा था कि यह भारतीय ग्राहकों के लिए बड़ा झटका है। यह एंड्रॉइड की सुरक्षा सुविधाओं पर भरोसा करने वाले भारतीयों के लिए गंभीर सुरक्षा जोखिम के अवसर दे रहा है। इसके अलावा यह फैसला भारतीय स्मार्टफोन यूजर्स के लिए मोबाइल उपकरणों की लागत बढ़ा रहा है। इसके अलावा कंपनी ने यह भी कहा था कि वह 1,338 करोड़ रुपये के जुर्मान के CCI के आदेश की समीक्षा करेगी।
जुर्माना लगाने में व्यावहारिक रहा है CCI- चेयरमैन
मामले में CCI के चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि आयोग जुर्माना लगाने में व्यावहारिक रहा है। CCI की कार्रवाई व्यापार और आर्थिक वास्तविकताओं से अलग नहीं होती है। डिजिटल बाजारों को प्रभावी ढंग से विनियमित करने के लिए ढांचे की व्यवहार्यता पर विचार किया जाना चाहिए। बता दें कि CCI ने पिछले बुधवार को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार के लिए मेकमायट्रिप, गोआईबीबो और ओयो पर कुल 392 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।