डाटा कलेक्शन के मामले में कंज्यूमर्स को दिया धोखा, गूगल पर लगा जुर्माना
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया की फेडरल कोर्ट ने पाया है कि अल्फाबेट इंक और गूगल ने पर्सनल लोकेशन डाटा जुटाने के मामले में कंज्यूमर्स को धोखे में रखा।
सर्च इंजन कंपनी के यूजर्स डाटा जुटाने के तरीकों को लेकर ऑस्ट्रेलिया के कॉम्पिटीशन रेग्युलेटर ने कहा कि कंपनी ने एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइसेज की मदद से यूजर्स का पर्सनल लोकेशन डाटा जुटाया।
ऑस्ट्रेलियन कॉम्पिटीशन एंड कंज्यूमर कमीशन (ACCC) ने कहा कि गूगल से जवाब मांगा गया है और उस पर जुर्माना भी लगाया गया है।
बयान
फैसले को बताया कंज्यूमर्स की जीत
ACCC चेयर रॉड सिम्स ने आधिकारिक बयान में कहा, "यह ग्राहकों और खासकर उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है, जो ऑनलाइन अपनी प्राइवेसी को लेकर चिंतित रहते हैं क्योंकि न्यायालय के फैसले से गूगल और दूसरी कंपनियों को कड़ा संदेश मिला है कि बड़े बिजनेसेज को अपने ग्राहकों को भ्रमित नहीं करना चाहिए।"
हालांकि, गूगल को कितना जुर्माना भरना होगा, इसकी जानकारी और जुर्माने की रकम नहीं बताई गई है।
सेटिंग्स
लोकेशन डाटा कलेक्शन से जुड़ी सेटिंग्स पर सवाल
कोर्ट ने यूजर्स का पर्सनल लोकेशन डाटा जुटाने और लोकेशन हिस्ट्री ऐक्सेस करने के अलावा 'वेब एंड ऐप ऐक्टिविटी' सेटिंग्स से जुड़े सवाल उठाए।
कोर्ट ने पाया कि गूगल गलत तरह से दावा कर रही थी कि वह लोकेशन हिस्ट्री सेटिंग्स से ही लोकेशन डाटा जुटाती है।
ऐसा जनवरी, 2017 से दिसंबर, 2018 के बीच यूजर्स के एंड्रॉयड डिवाइसेज पर बताया गया, जबकि गूगल लगातार पर्सनल लोकेशन डाटा ऐक्सेस कर रही थी।
लोकेशन
लोकशन हिस्ट्री ऑफ होने पर भी जुटाया डाटा
सामने आया है कि वेब और ऐप्लिकेशन ऐक्टिविटी कंट्रोल करने से जुड़ी एक सेटिंग के ऑन होने पर भी गूगल यूजर्स का डेटा जुटाने, स्टोर करने और इस्तेमाल करने का काम कर सकती थी।
यह सेटिंग डिवाइसेज में बाय-डिफॉल्ट ऑन थी।
यूजर्स को नहीं बताया गया था कि 'वेब एंड ऐप ऐक्टिविटी' सेटिंग ऑन होने पर लोकेशन हिस्ट्री ऑफ होने के बावजूद उनका पर्सनल लोकेशन डाटा जुटाया जा सकता है, जबकि गूगल ऐसा कर रही थी।
सवाल
जानबूझकर यूजर्स को भ्रम में रखा
कोर्ट ने अब तक इस बात का फैसला नहीं किया है कि इसे डाटा चोरी माना जाए या फिर इसके चलते कितने यूजर्स प्रभावित हुए हैं।
हालांकि, ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) ने लिखा है कि ACCC चेयरमैन रॉड सिम्स ने 'लाखों यूजर्स' को इस भ्रामक स्थिति का शिकार मानते हुए सर्च इंजन कंपनी पर जुर्माना लगाया है।
वहीं, एक गूगल स्पोक्सपर्सन ने कहा कि कंपनी अपने विकल्पों को रिव्यू कर रही थी।