
गूगल ने भारत में लॉन्च किया 'सेफ्टी चार्टर', ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने में मिलेगी मदद
क्या है खबर?
गूगल ने भारत में अपना सेफ्टी चार्टर लॉन्च किया है। इसका काम उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना, उद्यम और सरकारी साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और प्लेटफॉर्म डिजाइन और परिनियोजन में जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को शामिल करना है।
यह पहल देशभर में UPI से संबंधित धोखाधड़ी का पता लगाने और घोटाले की रोकथाम के लिए अपनी AI क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तकनीकी दिग्गज के प्रयास का हिस्सा है।
प्रयास
सुरक्षा के लिए कंपनी ने किए ये प्रयास
साइबर सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत गूगल ने भारत में एक नया सुरक्षा इंजीनियरिंग केंद्र (GSec) भी खोला है। यह कंपनी का दुनिया में चौथा ऐसा केंद्र है।
GSec की मदद से कंपनी को सरकारी एजेंसियों, शैक्षणिक संस्थानों और छोटे व्यवसायों के साथ मिलकर साइबर सुरक्षा चुनौतियों के लिए समाधान विकसित करने में मदद मिलेगी।
साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के साथ हाथ मिलाया है।
प्रयास
कंपनी ने संदिग्ध लेनदेन के लिए भी जारी किए अलर्ट
गूगल ने बताया है कि उसने अपने AI-संचालित सिस्टम के माध्यम से UPI ऐप गूगल पे पर भारतीय यूजर्स को संदिग्ध लेनदेन के खिलाफ 4.1 करोड़ से अधिक अलर्ट जारी किए हैं।
टेक दिग्गज ने यह भी कहा कि अक्टूबर में लॉन्च किए गए उसके प्ले प्रोटेक्ट पायलट ने एंड्रॉयड डिवाइस पर उच्च जोखिम वाले ऐप इंस्टॉल करने के लगभग 6 करोड़ प्रयासों को रोक दिया है।
ये ऐप डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के साथ डाटा चुरा सकते थे।
आंकड़े
UPI धोखाधड़ी से पिछले साल कितना हुआ नुकसान?
पेमेंट ऐप से जुड़े घोटालों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। UPI धोखाधड़ी से 2024 में भारतीयों को 1,087 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में ऐसे मामलों की संख्या 7.25 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 13.42 लाख हो गई।
साइबर सिक्यूरिटी इंटेलिजेंस क्लाउड SEK की रिपोर्ट में कहा है कि साइबर अपराधों पर लगाम नहीं लगी तो 2025 में भारतीय संस्थाओं को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।