अमेरिकी कंपनी ने बनाया AI इंजन, लगा सकता है किसी की मौत का अनुमान
हर बीतते दिन के साथ तकनीक उन्नत होती जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) भी रोजाना बेहतर हो रही है। अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली अमेरिकी कंपनी गायसिंजर (Geisinger) ने AI का एक बिल्कुल अलग प्रयोग किया है। कंपनी ने AI का इस्तेमाल करते हुए एक न्यूरल इंजन बनाया है जो यह बता सकता है कि कोई मरीज एक साल तक जिंदा रहेगा या नहीं। सुनने में यह बेहद रोचक लग रहा है।
इंजन को प्रशिक्षित कर चुकी कंपनी
हाल ही में कंपनी ने अपने इस इंजन को प्रशिक्षित किया है। इसके लिए लगभग चार लाख मरीजों के डाटा का इस्तेमाल किया गया है। इसकी मदद से कंपनी ने इंजन को इस लायक प्रशिक्षण दिया है कि वह निकट भविष्य में होने वाले हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी दूसरी बीमारियों के बारे में बता सकता है जो मौत का कारण बन सकती है। कंपनी ने न सिर्फ इसको प्रशिक्षित किया है बल्कि इसकी टेस्टिंग भी कर ली है।
टेस्टिंग में उम्मीदों पर खरा उतरा मॉडल
कंपनी ने जब इस मॉडल की टेस्टिंग की तो सामने आया कि यह बीमारियों को पहचानने और यह बताने में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन कर रहा है कि निकट भविष्य में किस मरीज की जान जाने की आशंका सबसे ज्यादा है और कौन लंबे समय तक जिंदा रह सकता है। रिसर्चर ने बताया कि यह इंजन दिल की उन अवस्थाओं के बारे में भी बता देता है, जो आमतौर पर डॉक्टरों को नजर नहीं आती।
इंसानों से बेहतर जांच में सक्षम है इंजन
इंजन बनाने वाले मुख्य वैज्ञानिक ब्रेंडन फोर्नवॉल्ट ने कहा, "नतीजे बताते हैं कि यह मॉडल उन चीजों को देख रहा है जो इंसान नहीं देख पाते। AI उन चीजों के बारे में बता सकता है, जिसे हम दशकों से गलत नजरिए से देख रहे हैं।"
इस इंजन का फायदा क्या होगा?
अगर ऐसी कोई तकनीक होती है जो यह बता सके कि किस मरीज को ज्यादा खतरा तो उसे बचाने के लिए बेहतर प्रयास किए जा सकते हैं। डॉक्टर अपना इलाज ज्यादा प्रभावी तरीके से कर सकते हैं। साथ ही वो ऐसे मरीजों पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं। इसके अलावा अगर उन अवस्थाओं को पता चलता है जो अब तक सामने नहीं आई है तो जाहिर है कि इससे मेडिकल साइंस नये स्तर पर जाकर उनका इलाज ढूंढ सकती है।
गूगल भी बना चुकी ऐसा मॉडल
गायसिंजर से पहले गूगल ने भी एक ऐसा ही मॉडल बनाया था, जो इलेक्ट्रोनिक हेल्थ रिकॉर्ड्स की मदद से यह बता पाने में सक्षम है कि कोई मरीज कब तक अस्पताल में रहेगा और कब तक उसकी मौत हो सकती है। गूगल के इस इंजन की टेस्टिंग के नतीजे मई में नेचर जर्नल में प्रकाशित हुए थे। एक मामले में इस इंजन ने अस्पताल से बेहतर अनुमान जताया था।