तेज सौर हवाओं के कारण खुली पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की दरार, उत्पन्न हुआ सौर तूफान
पृथ्वी के कुछ क्षेत्रों में बीते दिन (15 जून) सौर कणों की बारिश हुई। इसके कुछ ही देर बाद एक सौर तूफान उत्पन्न हुआ, जो कोरोनल मास इजेक्शन (CME) द्वारा नहीं, बल्कि सौर हवाओं के कारण ट्रिगर हुआ था, जिसे को-रोटेटिंग इंटरेक्शन रीजन (CIR) का प्रभाव भी कहा जाता है। स्पेस वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, इन तेज सौर हवाओं ने हमारे ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र के एक दरार को खोल दिया, जिससे G2-श्रेणी का सौर तूफान उत्पन्न हुआ।
और शक्तिशाली हो सकता है सौर तूफान
पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के दरार के कारण विनाशकारी प्रभाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि यह सौर तूफान की तीव्रता को बढ़ाते हैं। फिलहाल G2-श्रेणी का सौर तूफान उत्पन्न हुआ है, लेकिन अगर यह सौर तूफान G5-श्रेणी में बदल जाता है, तो इससे पावर ग्रिड को नुकसान पहुंच सकता है और पृथ्वी पर मौजूद कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इससे इंटरनेट, GPS तथा मोबाइल नेटवर्क समेत अन्य वायरलेस संचार व्यवस्था बाधित हो सकती है।