फोन की बैटरी कम होने पर ज्यादा पैसे लेती है उबर? जानें क्या है पूरा मामला
लोकप्रिय कैब-बुकिंग ऐप उबर से जुड़ी एक शिकायत यूजर्स की ओर से अक्सर की जाती है कि उनके फोन की बैटरी कम होने पर सामान्य से ज्यादा किराया दिखाया जाता है। इस बारे में ढेरों यूजर्स ने अपना अनुभव माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर और दूसरे फोरम्स पर शेयर किया है। एक यूजर ने लिखा कि फोन की बैटरी चार्ज करने पर उसकी उबर राइड का किराया कम दिखने लगा। आइए जानते हैं, यह पूरा मामला और इससे जुड़ा सच क्या है।
बैटरी कम होने पर किराया क्यों बढ़ाएगी ऐप?
स्मार्टफोन की बैटरी कम होने पर ज्यादा किराया दिखाने के पीछे वजह यह हो सकती है कि यूजर किसी भी कीमत पर राइड एक्सेप्ट कर लेगा। ऐसा ना करने की स्थिति में उसके फोन की बैटरी डेड हो जाएगी और वह कैब बुक नहीं कर पाएगा। इस तरह यूजर को कैब की कितनी जल्दी जरूरत है, इस आधार पर किराया बदलने की बात कही जा रही है। इसके लिए ऐप के पास बैटरी लेवल ऐक्सेस करने की परमिशन होनी चाहिए।
ट्वीट में दी जानकारी
20 प्रतिशत से कम बैटरी होने पर बढ़ा किराया
ट्विटर यूजर सारा ने सबसे पहले इस बारे में सवाल उठाए और दावा किया कि उबर ऐप फोन की बैटरी कम होने पर कैब का किराया बढ़ा देती है। उबर यूजर ने लिखा कि 25 से 30 डॉलर के सामान्य किराये वाली उसकी राइड फोन की बैटरी 18 प्रतिशत होने पर 81 डॉलर किराया दिखाने लगी। सारा की मानें तो फोन चार्ज करने और बैटरी 25 प्रतिशत होने पर किराया फिर से कम हो गया।
कीमत बढ़ने से जुड़े कोई ठोस सबूत नहीं
सारा के अनुभव को लेकर कहा जा रहा है कि उबर ऐप यूजर की स्थिति का 'फायदा' उठाती है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बैटरी लेवल और कैब के किराए में संबंध का जिक्र किया गया है। साल 2016 की एक फोर्ब्स रिपोर्ट और साल 2019 की एक रिपोर्ट भी किराये में बदलाव को लेकर सवाल उठा चुकी हैं। हालांकि, बैटरी चार्ज करने की वजह से बीता समय भी किराये में अंतर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
कुछ यूजर्स ने दी फायरफॉक्स इस्तेमाल करने की सलाह
सारा के ट्वीट का जवाब देते हुए कई यूजर्स ने उन्हें मोजिला फायरफॉक्स इस्तेमाल करने की सलाह दी। यूजर्स ने कहा कि फायरफॉक्स के पास बैटरी लेवल API का ऐक्सेस नहीं होता, यानी कि ब्राउजर फोन का बैटरी लेवल नहीं देख सकता। वहीं, कुछ यूजर्स ने कहा कि उनके डिवाइस में बैटरी प्रतिशत के हिसाब से कैब के किराये में बदलाव देखने को नहीं मिला। कई ट्विटर यूजर्स सारा के दावे को सही ठहराते भी दिखे।
उबर ने बैटरी से जुड़ा डाटा इस्तेमाल करने से किया था इनकार
साल 2016 में उबर हेड ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च कीथ चेन ने इस मामले पर एक पॉडकास्ट एपिसोड में बात की थी। कीथ ने कहा था कि उबर ने पाया है कि फोन में बैटरी कम होने पर यूजर्स ज्यादा किराए वाली राइड भी एक्सेप्ट कर लेते हैं। उन्होंने सफाई दी थी कि उबर बैटरी से जुड़े डाटा का इस्तेमाल नहीं करती। हालांकि, ऐप बैटरी के हिसाब से कीमत में बदलाव करती है या नहीं, इसपर उन्होंने कुछ नहीं कहा था।
एक से ज्यादा सेवाएं इस्तेमाल करें
ऑनलाइन कैब बुकिंग के लिए आप एक से ज्यादा सेवाएं इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी भी स्थिति में आप उबर और ओला में राइड के किराये की तुलना कर सकते हैं और कम कीमत पर बुकिंग का विकल्प आसानी से मिल जाएगा।
भारत में किराया बढ़ाने पर कार्रवाई
भारत में ओला और उबर जैसी ऐप-आधारित टैक्सी कंपनियां मांग बढ़ने पर किराए में मनमाफिक बढ़ोतरी नहीं कर सकती हैं। ऐप-आधारित टैक्सी कंपनियों की इस मनमानी से लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए पिछले साल कुछ नियम लागू किए गए थे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने नवंबर, 2020 में मोटर व्हीकल एग्रीगेटर दिशा-निर्देश, 2020 जारी किए थे, जिसके बाद अब किराया बढ़ाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई हो सकती है।