चंद्रयान-3 समस्या की स्थिति में दूसरी लैंडिंग साइट पर जाने में है सक्षम- ISRO प्रमुख
क्या है खबर?
चंद्रयान-3 मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को दोपहर 02:35 बजे लॉन्च किया जाएगा।
अंतरिक्ष यान को लॉन्च वाहन मार्क-III से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जो लैंडर और रोवर का संयोजन है।
लॉन्च से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-3 में किसी समस्या की स्थिति में वैकल्पिक लैंडिंग साइट पर जाने की उन्नत क्षमताएं हैं।
उन्होंने कहा है कि यह निश्चित रूप से सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड करेगा।
लैंडिंग क्षेत्र
चंद्रमा पर लैंडिंग क्षेत्र को बढ़ाया गया
चंद्रयान-3 की मिशन टीम पहली बार चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना चाहती है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए चंद्रमा पर लैंडिंग के क्षेत्र को 4X2.5 किमी तक बढ़ा दिया है।
सोमनाथ ने बताया कि यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारने का लक्ष्य है, लेकिन अगर किसी कारण से यह खराब प्रदर्शन करता है, तो यह उस क्षेत्र के भीतर कहीं भी उतर सकता है।
संभावित विफलता
संभावित विफलताओं का किया गया परीक्षण
चंद्रयान-3 मिशन के सभी संभावित विफलताओं को लेकर अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कई परीक्षण किये हैं।
इन परीक्षणों के आधार पर वैज्ञानिकों ने सेंसर, एल्गोरिदम और इंजन में सुधार किया है।
पर्याप्त ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए लैंडर को अतिरिक्त सौर पैनल भी प्रदान किए गए हैं।
ISRO प्रमुख ने बताया है कि किसी विषम परिस्थिति में वैकल्पिक साइट तक यात्रा करने के लिए यान में अधिक ईंधन और क्षमता दी गई है।