रॉकेट में आई तकनीकी खामी दूर, सोमवार दोपहर लॉन्च होगा चंद्रयान-2
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा है कि वह चंद्रयान-2 को 22 जुलाई यानी सोमवार को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर लॉन्च करेगा। इसे 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन तकनीकी खामी के चलते इसकी लॉन्चिंग को रोक लिया गया था। चंद्रयान-2 को शक्तिशाली GSLV-III रॉकेट से लॉन्च किया जाना था, लेकिन इसके ऊपरी हिस्से में लगे क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खामी आ गई थी। अब इस खामी को दूर कर लिया गया है।
GSLV-III से लॉन्च होगा चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 को GSLV-III रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। अभी तक यह रॉकेट दो सफलतापूर्वक लॉन्चिंग को अंजाम दे चुका है। इस रॉकेट की मदद से जून 2017 में कम्यूनिकेशन सैटेलाइट GSAT-19 लॉन्च किया गया था, जिसका वजन 3,000 किलोग्राम से ज्यादा था। इसके बाद इस रॉकेट की मदद से पिछले साल नवंबर में 3423 किलोग्राम वजनी एक और कम्यूनिकेशन सैटेलाइट GSAT-29 लॉन्च किया गया था। GSLV-MkIII को ISRO का अगली पीढ़ी का रॉकेट माना जाता है।
ISRO ने ट्वीट कर दी जानकारी
पूरी तरह भारत में बना है मॉड्यूल
इस मिशन पर तीन मॉड्यूल भेजे जाएंगे। इनमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर होगा। कुल 3.8 टन होगा वाले इस यान को पूरी तरह भारत में तैयार किया गया है। इसमें 13 पेलोड्स (ऑर्बिटर में आठ, लैंडर में तीन और रोवर में दो) होंगे।
ये होंगे ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के काम
ऑर्बिटर चांद की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगाएगा, जबकि लैंडर चांद के दक्षिण ध्रुव के पास सतह पर उतरेगा और रोवर चांद की सतर पर प्रयोग करेगा। लॉन्चिंग के वक्त रोवर लैंडर के अंदर रहेगा और ऑर्बिटर और लैंडर को साथ रखा जाएगा। इस मॉड्यूल को ISRO के GSLV MK-III लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया जाएगा। धरती की कक्षा में पहुंचने के बाद ऑर्बिटर प्रोपल्शन मॉड्यूल की मदद से यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा।