ऑस्ट्रेलिया का पहला चांद रोवर करेगा ये काम, अभी तय नहीं हुआ नाम
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया की अंतरिक्ष एजेंसी ने देश के पहले चंद्र रोवर के लिए नामों की अपनी शॉर्टलिस्ट का खुलासा कर दिया है।अब इनमें से अंतिम नाम के लिए लोग वोट कर सकते हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ साझेदारी में ऑस्ट्रेलिया का सेमी-ऑटोनॉमस रोवर वर्ष 2026 की शुरुआत में भविष्य के आर्टिमिस मिशन के हिस्से के रूप में चांद पर लॉन्च किया जाएगा।
जान लेते हैं ऑस्ट्रेलिया का यह रोवर अंतरिक्ष पर क्या काम करेगा।
नाम
फाइनल किए गए ये 4 नाम
इस रोवर का नाम रखने के लिए सितंबर में प्रतियोगिता शुरू की गई थी, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने 8,000 से अधिक नाम दिए।
अब एजेंसी ने इनमें 4 नाम कूलमोन, काकिर्रा, मेटशिप और और रू-वेर को फाइनल किया है। अब पब्लिक इनमें से पसंदीदा नाम पर वोट कर सकती है। मतदान 1 दिसंबर तक ऑनलाइन खुले रहेंगे।
नाम जो भी रखा जाए, लेकिन यह लूनर रोवर ऑस्ट्रेलिया के चांद से मंगल पहल के तहत ट्रेलब्लेजर कार्यक्रम का हिस्सा है।
रोवर
चांद की मिट्टी इकट्ठा करेगा रोवर
ऑस्ट्रेलिया की विश्व-स्तरीय रिमोट ऑपरेशन विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए रोवर चांद की मिट्टी (रेजोलिथ) इकट्ठा करेगा।
इस तरह के रेजोलिथ में ऑक्साइड के रूप में ऑक्सीजन होने की उम्मीद है। नासा नमूने से ऑक्सीजन निकालने के लिए प्रयास करेगा। ऑक्सीजन चांद पर इंसानों को बसाने के लिए सबसे जरूरी है।
यह ऑस्ट्रेलिया के अंतरिक्ष उद्योग के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह चांद पर उतरने वाला देश का पहला रोवर होगा।
नासा
चांद पर स्थायी मानव उपस्थिति बनाना है मिशन का उद्देश्य
यह प्रोजेक्ट नासा के महत्वाकांक्षी आर्टिमिस मिशन के अनुरूप है। इसका उद्देश्य इस दशक के अंत तक चांद पर उसके आसपास एक स्थायी और टिकाऊ मानव उपस्थिति स्थापित करना है।
इन मिशनों से मिली जानकारी और कौशल मंगल ग्रह पर मानवयुक्त मिशन की बड़ी योजनाओं को आसान बनाएंगे।
नासा ने पहले ही आर्टिमिस-1 मिशन के जरिए पिछले साल एक मानव रहित ओरियन अंतरिक्ष यान को चांद की ऑर्बिट में भेजा था।
अंतरिक्ष
वर्ष 2026 में लॉन्च किया जाएगा आर्टिमिस-3 मिशन
वर्ष 2024 के अंत में आर्टिमिस-2 की तैयारी है जो 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चांद के चारों तरफ भेजेगा। इसके बाद वर्ष 2025 के अंत या 2026 में मानवयुक्त आर्टिमिस-3 मिशन को लॉन्च किया जाएगा।
इस मिशन के जरिए अंतरिक्ष यात्री चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतर सकते हैं। चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यात्रियों का उतरना चांद से जुड़े खोजों के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम होगा।