ऐपल ने 2013 में पहली बार आईफोन में पेश किया था टच ID और फिंगरप्रिंट स्कैनर
आजकल ज्यादातर फोन्स फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ आते हैं, लेकिन 10 साल पहले चीजें ऐसी नहीं थी। स्मार्टफोन में लंबे समय से सुरक्षा के लिए पासकोड की सुविधा मौजूद थी, जिसका उपयोग काफी कठिन था। ऐपल ने 2013 में इसे बदलने की योजना बनाई और आईफोन 5S को पेश किया। यह पहला आईफोन था, जिसमें टच ID और फिंगरप्रिंट स्कैनर की सुविधा थी। इससे यूजर्स होम बटन को एक बार टैप कर डिवाइस को जल्दी अनलॉक कर सकते थे।
ऐपल के बदलाव का पड़ा प्रभाव
ऐपल ने जब आईफोन में नया सुरक्षा फीचर देना शुरू किया, तब इसका प्रभाव पूरे स्मार्टफोन बाजार पर देखने को मिला। अप्रैल, 2014 में सैमसंग गैलेक्सी S5 लॉन्च हुआ तो यह फिंगरप्रिंट स्कैनर वाला पहला गैलेक्सी फोन था। सितंबर, 2014 में सोनी एक्सपीरिया Z3 को भी फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ पेश किया गया, जो उस साल का एक लोकप्रिय हैंडसेट था। कुछ ही समय बाद इस फीचर को लगभग सभी कंपनियां अपने स्मार्टफोन में देने लगीं।
सबसे पहले इस फोन में दिया गया था फिंगरप्रिंट स्कैनर
आईफोन 5S ने निश्चित रूप से फिंगरप्रिंट स्कैनर को लोकप्रिय बनाया, लेकिन वास्तव में इस तरह की सुविधा के साथ लॉन्च होने वाला यह पहला फोन नहीं था। रिपोर्ट के अनुसार, 2004 में GI100 को डायल पैड के बीच में लगे स्कैनर के साथ लॉन्च किया गया था। इसके बाद 2011 में एंड्रॉयड ने मोटोरोला एट्रिक्स 4G के साथ ऐपल को भी पछाड़ दिया, जिसमें स्वाइप-आधारित स्कैनर शामिल था। हालांकि, यह उपयोग में कठिन था, इसलिए इसे लोकप्रियता नहीं मिली।