साल 2030 तक भारत में आ जाएगी 6G कनेक्टिविटी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया भरोसा
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन में बोलते हुए कहा कि भारत में इस दशक के आखिर तक 6G कनेक्टिविटी आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि 5G के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास होगा और इसे बढ़त मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आने वाले वक्त में 5G के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर जुड़ेंगे।"
आइए समझते हैं कि प्रधानमंत्री के इस बयान के मायने क्या हैं।
6G
साल 2030 तक भारत में 6G कनेक्टिविटी
TRAI के 25 साल पूरे होने पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा साल 2030 तक भारत में 6G सेवाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि एक टास्क फोर्स भारत में 6G क्षमताओं से जुड़ी संभावनाएं तलाशने पर पहले ही काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "इस दशक के आखिर तक, हमें 6G सेवाएं लॉन्च करने में सक्षम हो जाना चाहिए और हमारी टास्क फोर्स इसके लिए काम कर रही है।"
महत्व
कनेक्टिविटी के महत्व पर दिया जोर
कनेक्टिविटी के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के साथ 21वीं सदी के भारत के विकास की गति तय होगी।
उन्होंने कहा, "5G टेक्नोलॉजी के साथ देश की सरकार के लिए सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। इसके अलावा बिजनेस करना और रहना आसान होगा। इसकी मदद से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स जैसे सभी क्षेत्रों में तेजी से बढ़त देखने को मिलेगी।"
टेक्नोलॉजी
5G से कैसे अलग होगी 6G टेक्नोलॉजी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 6G टेक्नोलॉजी के साथ 5G कनेक्टिविटी के मुकाबले करीब 50 गुना तेज इंटरनेट स्पीड मिलेगी।
दरअसल, 5G नेटवर्क्स सिग्नल्स ट्रांसमिट करने के लिए बेस स्टेशंस पर निर्भर करते हैं और जटिल ढांचे का इस्तेमाल करते हैं।
इसके मुकाबले 6G नेटवर्क्स हाई फ्रीक्वेंसी ट्रांसमिट करने के लिए बेस स्टेशंस के मुकाबले सैटेलाइट्स इस्तेमाल करेंगे।
बेस स्टेशंस के बजाय सैटेलाइट्स से बेहतर स्पीड और ज्यादा एरिया में कनेक्टिविटी मिलेगी।
शुरुआत
अभी से हो चुका है 6G टेक्नोलॉजी पर काम
चाइनीज कंपनी हुवाई नई टेक्नोलॉजी पर काम शुरू कर चुकी है और इसके लिए दो सैटेलाइट्स लॉन्च कर सकती है।
हुवाई के रोटेटिंग चेयरमैन जू झीजुन ने पिछले महीने 6G से जुड़े कंपनी के प्लान्स की जानकारी दी है।
चाइनीज टेक कंपनी जल्द ही 6G से जुड़ा वाइट पेपर रिलीज करेगी और इंडस्ट्री को बताएगी कि 6G टेक्नोलॉजी क्या है।
बता दें, हुवाई की नेटवर्किंग सर्विसेज का इस्तेमाल दुनिया के दूसरे देश भी करते हैं।
सवाल
क्या हैं प्रधानमंत्री के बयान के मायने?
भारत को 5G सेवाओं के सबसे बड़े मार्केट्स में से एक माना जा रहा है और यहां करोड़ों की संख्या में इंटरनेट यूजर्स हैं।
माना जा रहा है कि 5G कनेक्टिविटी के साथ भारतीय यूजर्स ग्लोबल मार्केट से जुड़ेंगे और इसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा।
हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि सभी यूजर्स को 5G सेवाएं कब तक मिलेंगी।
मई महीना बीतने वाला है और अब तक 5G स्पेक्ट्रम के लिए ऑक्शंस नहीं हो सके हैं।