चुनाव आयोग की रोक हटते ही योगी आदित्यनाथ ने फिर किया श्मशान-कब्रिस्तान का जिक्र
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'अली-बजरंगबली' वाले बयान के बाद चुनाव आयोग ने उन पर 72 घंटे का बैन लगाया था। उनका यह बैन शुक्रवार सुबह 6 बजे समाप्त हुआ। बैन हटने के बाद योगी ने संभल में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर शमशान-कब्रिस्तान का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने अपने भाषण में समाजवादी पार्टी और बसपा के गठबंधन पर भी जमकर निशाना साधा। आइये जानते हैं कि योगी ने और क्या कहा।
श्मशान-कब्रिस्तान का जिक्र
रैली को संबोधित करते हुए योगी ने कहा बसपा और सपा सरकारों के समय जन्माष्टमी और कांवड़ यात्रा पर रोक होती थी। उन्होंने कहा, "जहां सरकारें भेदभाव करती हो कि देवा शरीफ में बिजली जाएगी, महादेवा में नहीं जाएगी, कब्रिस्तान की बाउंड्री वॉल के लिए पैसा देंगे, श्मसान घाट के लिए नहीं देंगे, हमारी सरकार ने यह भेदभाव समाप्त किया। हमने कहा अगर कब्रिस्तान के लिए पैसा मिलेगा तो श्मशान घाट के लिए भी पैसा मिलेगा।"
मायावती पर निशाना
मायावती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर का अपमान करने वाले के लिए मायावती वोट मांग रही हैं। उन्होंने कहा कि मायावती उस व्यक्ति के लिए वोट मांग रही है जो बहन-बेटियों के लिए खराब भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वंदे मातरम नहीं गाने वालों को वोट नहीं
संभल से समाजवादी पार्टी फीकुर रहमान बर्क के बारे में बताते हुए योगी ने कहा उन्होंने खुद को बाबर की औलाद बताया था। योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन्हें वंदे मातरम गाने में संकोच हो, बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्ति को माला पहनाने में संकोच होता हो, जिनको वंदे मातरम बोलने में संकोच हो, क्या वह आपका वोट पाने का हक रखते हैं।
खुद को बताया हनुमानभक्त
योगी ने शुक्रवार को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'हनुमान जी में मेरी अटूट आस्था है और संकटमोचन में इस आस्था के बीच कोई नहीं आ सकता। उनका दृढ़ संकल्पित, समर्पित जीवन मेरे लिए एक प्रेरणास्रोत है, नासै रोग हरै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।। अतुलित भक्ति और अपरिमित शक्ति के प्रतीक श्री हनुमान जी की जयंती पर सभी को शुभकामनाएं।' शुक्रवार को उन्होंने लखनऊ के हनुमान मंदिर में पूजा की।
हनुमान जयंती की दी शुभकामनाएं
इस बयान के कारण लगा था बैन
योगी आदित्यनाथ ने 9 अप्रैल को दिए अपने भाषण में हिंदू-मुस्लिम के बीच 'अली-बजरंगी बली' की लड़ाई होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो उन्हें बजरंग बली पसंद हैं।
सेना को 'मोदी की सेना' बता घिरे थे योगी
योगी ने अपने भाषण में भारतीय सेना को 'मोदी की सेना' बताया था, जिस पर काफी विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने एक जनसभा में कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा, "कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और मोदी जी की सेना आतंकवादियों को गोली और गोला देती है। यही अंतर है। कांग्रेस के लोग मसूद अजहर के नाम के पीछे 'जी' लगाकर आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।"