राज्यसभा में अपनी ही पार्टी पर हमलावर स्वाति मालीवाल, कोचिंग के बाद कूड़े पर घेरा
आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से राज्यसभा पहुंचने वाली दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अब अपनी ही पार्टी पर हमलावर दिख रही हैं। मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में उन्होंने 3 से 4 मुद्दे उठाए हैं, जिसमें 2 मुद्दों पर सीधे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार पर निशाना साधा है। पहले उन्होंने ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना पर राज्य सरकार और दिल्ली नगर निगम को घेरा, अब गुरुवार को कूड़े का सवाल उठाकर सबको चौंका दिया।
कूड़े को लेकर क्या बोलीं स्वाति मालीवाल?
मालीवाल ने कूड़े का मामला उठाते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों को गर्मियों की छुट्टी में किसी पहाड़ पर जाने की जरूरत नहीं क्योंकि यहीं 3 बड़े-बड़े कूड़े के पहाड़ हैं। उन्होंने कहा कि ये पहाड़ दिल्ली नगर निगम के सौजन्य से लोगों को मिले हैं। यहां रहने वाले लोगों की हालत बहुत खराब है, वे बदबू और बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या निगम ने कूड़े के पहाड़ हटाने का कोई प्रस्ताव दिया है।
कूड़े को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधती मालीवाल
कोचिंग सेंटर में हुई मौत के बारे में क्या बोली थीं मालीवाल?
मालीवाल ने इससे पहले ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुई 3 छात्रों की मौत पर दिल्ली सरकार और नगर निगम की नाकामी को राज्यसभा में उठाया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अगर घर बनवाने के लिए एक ईंट लगाओं तो नगर निगम वाले पहुंच जाते है, ऐसे में जो धड़ल्ले से अवैध कोचिंग सेंटर चल रहे हैं तो क्या इन्हें (निगम प्रशासन और दिल्ली सरकार) पता नहीं होगा।
किस बात से नाराज हैं मालीवाल?
मालीवाल की नाराजगी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कथित तौर पर उनको राज्यसभा से इस्तीफा देने के लिए कहने के बाद से सामने आई है। इसके बाद मालीवाल केजरीवाल के घर उनसे मिलने पहुंची थी। उसी दौरान उनका निजी सचिव (PA) बिभव कुमार से झगड़ा हुआ था। मामले में मालीवाल ने बिभव पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। पार्टी द्वारा साथ न दिए जाने से मालीवाल अलग-थलग पड़ गईं। मारपीट के मामले में बिभव जेल में बंद हैं।
कूड़े के पहाड़ का मुद्दा क्यों उठाया?
दिल्ली में कूड़े के पहाड़ का मुद्दा काफी पुराना है, लेकिन AAP सरकार नगर निगम चुनाव इसे हटाने के वादा करके जीती है। भाजपा भी मुद्दे पर हमलावर है। ऐसे में इस मुद्दे को उठाना AAP की दुखती रग पर हाथ रखने के बराबर है।