साध्वी प्रज्ञा गंभीर रूप से बीमार, कोर्ट के वारंट पर कहा- जिंदा रही तो जरूर जाऊंगी
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के भोपाल से सांसद रहीं साध्वी प्रज्ञा ने गंभीर रूप से बीमार होने का दावा किया है। उन्होंने यह जानकारी एक्स पर दी।
उन्होंने तस्वीर साझा कर लिखा, 'कांग्रेस का टॉर्चर सिर्फ ATS हिरासत तक ही नहीं मेरे जीवनभर के लिए मृत्युदाई कष्ट का कारण हो गए। ब्रेन में सूजन, कम दिखना, कम सुनना, बोलने में असंतुलन, स्टेरॉयड और न्यूरो दवाओं से शरीर में सूजन है और उपचार चल रहा है। जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी।'
वारंट
मुंबई कोर्ट ने जारी किया है वारंट
मुंबई की विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने मालेगांव धमाके मामले में साध्वी प्रज्ञा को कार्यवाही में शामिल न होने के लिए 10 रुपये का जमानती वारंट जारी किया है।
कोर्ट ने पूर्व सांसद को 13 नवंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा है। विशेष न्यायाधीश एके लोहाटी ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि अंतिम सुनवाई में साध्वी का आना जरूरी है।
साध्वी को 13 नवंबर को कोर्ट में पेश होकर इसे रद्द कराना है।
ट्विटर पोस्ट
प्रज्ञा ने साझा की तस्वीर
#कांग्रेस_का_टॉर्चर सिर्फ ATS कस्टडी तक ही नहीं मेरेजीवन भर के लिए मृत्यु दाई कष्ट का कारण हो गएl ब्रेन में सूजन,आँखों से कम दिखना,कानो से कम सुनना बोलने में असंतुलन स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओंसे पूरे शरीर में सूजन एक हॉस्पिटल में उपचार चल रहा हैl जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाउंगीl pic.twitter.com/vGzNWn6SzX
— Sadhvi Pragya Singh Thakur (@sadhvipragyag) November 6, 2024
मामला
क्या है मालेगांव धमाका मामला?
उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित मालेगांव शहर में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के बाहर मोटरसाइकिल में विस्फोटक लगाकर धमाका किया गया था।
इस धमाके में करीब 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
मामले की जांच पहले महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) द्वारा की गई थी, जो बाद में 2011 में NIA को स्थानांतरित कर दी गई।
आरोपी
साध्वी प्रज्ञा पर क्या है आरोप?
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर मालेगांव बम धमाकों की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
मामले में दाखिल आरोपपत्र के अनुसार, वह धमाके की योजना बनाने के लिए हुई बैठकों में शामिल हुई थीं और उन्होंने हमले को अंजाम देने वाले व्यक्ति को खोजने का जिम्मा लिया था।
जिस मोटरसाइकिल में धमाका हुआ था, वह भी प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर पंजीकृत है। उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला चल रहा है।