शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन, राज्यसभा को बताया भारतीय संघीय संरचना की आत्मा
आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया। संसद के उच्च सदन राज्यसभा का ये 250वां सत्र है। इस मौके पर राज्यसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्यसभा भारत की संघीय संरचना की आत्मा है। सदन की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यसभा लोगों को चुनावी राजनीति से अलग हटकर देश और उसके विकास में योगदान देने का मौका प्रदान करती है।
राज्यसभा की 250 सत्रों की यात्रा को किया नमन
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा की 250 सत्रों की यात्रा को नमन करते हुए कहा, "इस सदन ने कई ऐतिहासिक पल देखें हैं और इतिहास रचा भी है। ये दूर तक देखने वाला सदन है।" उन्होंने कहा कि कौन भूल सकता है कि राज्यसभा के जरिए ही डॉ बाबासाहेब अंबेडकर जैसे दिग्गजों ने राष्ट्रीय प्रगति में योगदान दिया था। उन्होंने कहा, "जब भी देश के भले के लिए जरूरी था, राज्यसभा ने अपना भरपूर योगदान दिया है।"
"अनुच्छेद 370 का बिल पास होने में राज्यसभा का योगदान नहीं भूल सकते"
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में पिछले सत्र में पारित हुए महत्वपूर्ण बिलों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "ज्यादातर लोग ये मानते थे कि तीन तलाक बिल राज्यसभा से पारित नहीं होगा लेकिन ये हुआ। GST भी इस सदन में पारित होने के बाद वास्तविकता बना।" अनुच्छेद 370 पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35(A) से संबंधित बिलों के पास होने में हम राज्यसभा का योगदान नहीं भूल सकते।
"राज्यसभा सेकंडरी नहीं सहायक सदन"
राज्यसभा की अहमियत पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक बयान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जब इस सदन के 200 सत्र पूरे हुए थे तब अटल जी ने कहा था कि राज्यसभा दूसरा सदन हो सकता है, लेकिन इसे सेकंडरी सदन नहीं मानना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "आज मैं अटल जी के विचारों से सहमत हूं और ये जोड़ना चाहता हूं कि राज्यसभा को राष्ट्रीय विकास में एक सक्रिय सहायक सदन होना चाहिए।"
NCP की तारीफ कर दिया राजनीतिक अटकलों को जन्म
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के अंत में एक ऐसी बात भी कही जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज करने के लिए काफी है। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कशमकश के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी विरोधी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की तारीफ करते हुए कहा, "NCP और BJD ने संसदीय मानदंडों का सख्ती से पालन किया है। वो कभी सदन की वेल में नहीं गए। मेरी पार्टी समेत सभी पार्टियां इससे सीख सकती हैं।"
लोकसभा में उठा फारूक अब्दुल्ला की हिरासत का मामला
बता दें कि संसद की शीतकालीन सत्र ऐसे समय पर शुरू हूआ जब कश्मीरी नेता अभी भी हिरासत में बंद हैं और घाटी में इंटरनेट पर रोक जारी है। इसके अलावा मोदी सरकार आर्थिक मंदी के मुद्दे पर भी विपक्ष और विशेषज्ञों के निशाने पर है। कश्मीरी नेताओं के हिरासत में होने का मुद्दा तो पहले ही दिन लोकसभा में उठा और विपक्ष के सांसदों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला की हिरासत पर सवाल खड़े किए।
पेश होंगे नागरिकता संशोधन बिल समेत 22 बिल
सरकार के कामकाज के नजरिए से भी ये सत्र अहम रहेगा और केंद्र सरकार ने इस बार कुल 22 बिल लिस्ट किए हैं जिन्हें संसद में पेश किया जाएगा। इनमें विवादित नागरिकता संशोधन बिल भी शामिल है।