मनमोहन सिंह ने ठुकराया करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह मे शामिल होने का पाकिस्तान का निमंत्रण
क्या है खबर?
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समाहोर में शामिल होने का पाकिस्तान का न्यौता ठुकरा दिया है।
पाकिस्तान ने 9 नवंबर को होने वाले उद्घाटन समारोह में मनमोहन को बुलाने का फैसला लिया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को ये जानकारी दी थी।
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दरकिनार कर खुद को भेजे गए पाकिस्तान के इस नियंत्रण को मनमोहन ने ठुकरा दिया है।
जानकारी
कांग्रेस सूत्रों ने की पुष्टि
समाचार एजेंसी ANI ने कांग्रेस में अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के इस निमंत्रण को ठुकरा दिया है। इससे प्रधानमंत्री मोदी को नीचा दिखाने की पाकिस्तान की एक और कोशिश नाकाम हो गई है।
बयान
कुरैशी बोले, मनमोहन सिंह धार्मिक व्यक्ति, पाकिस्तान में उनका काफी सम्मान
इससे पहले महमूद कुरैशी ने सोमवार को ये घोषणा करते हुए बताया था कि इमरान खान सरकार ने अच्छे से विचार और चर्चा करने के बाद फैसला लिया है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घादन समारोह में बतौर अतिथि बुलाने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि मनमोहन एक धार्मिक व्यक्ति हैं और पाकिस्तान में उनका काफी सम्मान होता है, इसलिए उन्हें बुलाया जा रहा है। उन्हें जल्द ही आधिकारिक निमंत्रण दिया जाएगा।
करतारपुर कॉरिडोर
क्या है करतारपुर कॉरिडोर?
करतारपुर कॉरिडर का निर्माण पाकिस्तान के नरोवाल स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए किया गया है।
करतारपुर में सिखों के पहले धर्मगुरू गुरू नानक देव का निवास स्थान था और यहीं उनकी मौत हुई थी। ये सिख समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक हैं।
भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के सरकारें मिलकर इसका निर्माण कर रही थीं।
जानकारी
पिछले काफी समय से हो रही थी मांग
पिछले कई सालों से भारत में मौजूद सिख नेता पाकिस्तानी सरकार से इस कॉरिडोर पर काम शुरू करने की अपील कर रहे थे। काफी लंबी बातचीत के बाद दोनों देशों की सरकारें इसका निर्माण के लिए तैयार हुईं थीं।
समझौता
अभी फाइनल नहीं हुआ है भारत और पाकिस्तान का समझौता
करतारपुर कॉरिडोर बनने के बाद भारत के सिख श्रद्धालु बिना वीजा के करतारपुर साहिब जा सकेंगे। इसके लिए उन्हें केवल एक परमिट की जरूरत होगी।
हालांकि कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बनने के कारण दोनों देशों के बीच समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
पिछले दिनों पाकिस्तान ने तीर्थयात्रियों पर सेवा शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन भारत ने पाकिस्तान की इस मांग को खारिज कर दिया था।