विपक्षी पार्टियों का फैसला- चुनाव से पहले होगा गठबंधन, बनेगा न्यूनतम साझा कार्यक्रम
लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार बैठकें कर रही हैं। इसी कड़ी में बुधवार शाम को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता शरद पवार के आवास पर बैठक हुई। इसमें राहुल गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, फारूक अब्दुला, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आदि नेता शामिल हुए। बैठक में तय किया गया है कि चुनाव से पहले गठबंधन किया जाएगा और इसके लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया जाएगा।
दिल्ली और पश्चिम बंगाल में फंसा पेंच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विपक्षी गठबंधन में दिल्ली और पश्चिम बंगाल को लेकर पेंच फंसा हुआ है। अधिकतर विपक्षी पार्टियां दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस का गठबंधन चाहती है, लेकिन राहुल गांधी, केजरीवाल के साथ गठबंधन को लेकर तैयार नहीं हैं। हालांकि, AAP चुनावों में कांग्रेस के साथ जाने को तैयार है। वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
BJP को हराना मुख्य मकसद- राहुल
विपक्ष तैयार करेगा न्यूनतम साझा कार्यक्रम
बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव होने से पहले विपक्षी पार्टियों का गठबंधन होगा और इसके लिए एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनेगा। उन्होंने कहा कि मोदी को हटाने के लिए विपक्ष को साथ आने की जरूरत है।
AAP की रैली में जुटे विपक्षी नेता
कोलकाता में ममता बनर्जी द्वारा आयोजित की गई विपक्षी पार्टियों की रैली के लगभग 20 दिन बाद दिल्ली में एक बार फिर विपक्षी नेता जुटे। अरविंद केजरीवाल द्वारा बुलाई गई 'तानाशाही हटाओ-लोकतंत्र बचाओ' रैली में कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। रैली में लेफ्ट पार्टियों के नेता भी शामिल हुए थे। रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के राज में लोकतंत्र खतरे में है।
'12वीं पास को देश का प्रधानमंत्री मत बनाना'
प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि लोगों ने 12वीं कक्षा पास व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री बनाया है, लेकिन उन्हें 2019 में अपनी गलती नहीं दोहरानी चाहिए।