छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी कलह के आसार, एक दर्जन से अधिक विधायक दिल्ली पहुंचे
क्या है खबर?
अभी पंजाब का झगड़ा सुलझा नहीं था कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी खींचतान तेज हो गई है। पार्टी के एक दर्जन से अधिक विधायकों ने दिल्ली में डेरा जमा लिया है और वे राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे।
अटकल है कि ये विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति अपना समर्थन जाहिर करने के लिए दिल्ली आए हैं। राज्य में ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री रहने के फॉर्मूले को लेकर बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह के बीच खींचतान चल रही है।
बयान
विधायक ने कहा- राहुल के छत्तीसगढ़ दौरे के संबंध में दिल्ली आए हैं
दिल्ली आए विधायकों में शामिल बृहस्पत सिंह से जब दौरे के मकसद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राहुल के छत्तीसगढ़ दौरे के संबंध में वे दिल्ली आए हैं।
उन्होंने कहा, "15-16 विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं और अलग-अलग जगहों पर ठहरे हुए हैं। राहुल जी का छत्तीसगढ़ दौरा प्रस्तावित है। हम राहुल जी से अनुरोध करना चाहते हैं कि वह अपने दौरे की अवधि को थोड़ा बढ़ा दें जिससे सभी विधायकों को इसका लाभ मिल सके।"
बयान
सबके समर्थन और आशीर्वाद से चल रही सरकार, नेतृत्व परिवर्तन का कोई मुद्दा नहीं- सिंह
बघेल के समर्थन में दिल्ली आने के सवाल पर सिंह ने कहा, "हमारी पार्टी के 70 विधायक हैं जिनमें से 60 विधायकों ने पिछली बार पीएल पूनिया जी को सब बताया था। जब आलाकमान का आशीर्वाद और विश्वास होता है, विधायकों का समर्थन होता है और मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे होते हैं, तब ऐसा कोई मुद्दा (नेतृत्व परिवर्तन का) नहीं होता।"
उन्होंने बघेल और टीएस सिंह के बीच मनमुटाव की खबरों को भी खारिज किया।
बयान
पंजाब जैसी नहीं है छत्तीसगढ़ की स्थिति- सिंह
सिंह ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की स्थिति पंजाब की तरह नहीं है और किसी पार्टी का आलाकमान सिर्फ एक नेता को खुश करने के लिए पूरी सरकार को दांव पर नहीं लगाएगा। उन्होंने कहा कि बघेल और देव एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।
पृष्ठभूमि
सरकार बनने के समय हुआ था ढाई साल तक मुख्यमंत्री बने रहने का समझौता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर, 2018 में जब छत्तीसगढ़ में सरकार बनी थी तब मुख्यमंत्री पद के लिए बघेल, देव और एक अन्य नेता ताम्रध्वज साहू का नाम आगे चल रहा था। तब बघेल को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बना दिया गया और देव और साहू को कैबिनेट में जगह दी गई।
अब जुलाई में बघेल सरकार के ढाई साल पूरे हो गए हैं और विरोधी खेमे उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
दौरा
अगस्त में दिल्ली आए थे बघेल और टीएस देव
पूरे मामले में बघेल और टीएस सिंह देव अगस्त में दिल्ली भी आए थे। बघेल ने पहले तो कहा था कि अगर अगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कहे तो वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं, लेकिन दिल्ली में राहुल से मुलाकात करने के बाद उन्होंने इस्तीफे की संभावनाओं को खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि ढाई साल के समझौते की बात कर रहे लोग राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।