कर्नाटक: सोमवार को मुख्यमंत्री पद छोड़ सकते हैं येदियुरप्पा, बोले- पार्टी का फैसला मंजूर
क्या है खबर?
कई हफ्तों से चल रही अटकलों के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने संकेत दिए हैं कि वो 26 जुलाई यानी सोमवार को पद छोड़ सकते हैं। इसी दिन कर्नाटक में भाजपा सरकार को दो साल पूरे होंगे।
लिंगायत समुदाय का बड़ा चेहरा माने जाने वाले येदियुरप्पा ने बीते हफ्ते दिल्ली आकर प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी।
इसके बाद से उनके इस्तीफा देने के कयास जोर पकड़ने लगे हैं।
बयान
येदियुरप्पा बोले- पार्टी नेतृत्व का हर फैसला मंजूर
येदियुरप्पा ने कहा, "मुझे 25 जुलाई को अपने अगले कदम का पता चलेगा। मुझे पार्टी नेतृत्व का फैसला मंजूर होगा। मैं पार्टी को मजबूत करने और दोबारा सत्ता में लाने के लिए काम करुंगा।"
उन्होंने आगे कहा, "आपको पता है कि पार्टी में 75 साल से अधिक उम्र वालों को कोई पद नहीं दिया जाता, लेकिन नेतृत्व ने मेरे काम को सराहते हुए 78 साल की उम्र में भी यह मौका दिया है।"
जानकारी
पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में हुए थोड़े फेरबदल
पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के तहत मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को 25 जुलाई को विधायकों के साथ खाने पर चर्चा करनी थी और 26 जुलाई को विधायक दल की बैठक में शामिल होना था। अब इस कार्यक्रम में कुछ फेरबदल बताए जा रहे हैं।
समर्थन
येदियुरप्पा के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता
कयास लगाए जा रहे हैं कि कर्नाटक में भाजपा सरकार के दो साल पूरा होने के मौके पर 26 जुलाई को येदियुरप्पा इस्तीफा दे देंगे। इससे राज्य को नया मुख्यमंत्री मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
हालांकि, येदियुरप्पा के इस्तीफे की अटकलों के बीच लिंगायत समुदाय ने उनके समर्थन में शक्ति प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। यहां तक कि कई कांग्रेस नेता भी येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाए रखने की मांगों का समर्थन कर रहे हैं।
बैठकों का दौर
येदियुरप्पा से मिल रहे हैं अलग-अलग मठो के संत
मंगलवार और बुधवार को अलग-अलग मठो से जुड़े संतों के प्रतिनिधिमंडलों ने येदियुरप्पा के आधिकारिक आवास पर उनसे मुलाकात कर कार्यकाल पूरा करने की अपील की।
दूसरी तरफ लिंगायत समुदाय के एक धड़े से येदियुरप्पा का विरोध भी हो रहा है। उनका विरोध करने में भाजपा के ही विधायक शामिल हैं। पार्टी के विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनामल और अरविंद बेल्लाड येदियुरप्पा को इस पद पर बनाए रखने के खिलाफ हैं।
बयान
येदियुरप्पा ने की समर्थकों से नैतिकता बनाए रखने की अपील
मुख्यमंत्री को बदलने के भाजपा नेतृत्व के फैसले के खिलाफ और अपने समर्थन में उठती आवाजों के बीच येदियुरप्पा ने बुधवार को ट्वीट कर पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, "मुझे भाजपा के वफादार कार्यकर्ता के तौर पर काम करने का सौभाग्य मिला है। नैतिकता और व्यवहार के उच्चतम मानकों के साथ पार्टी की सेवा करना मेरे लिए अत्यंत सम्मान की बात है। मैं सभी से पार्टी की नैतिकता के तहत काम करने का आग्रह करता हूं।"