बिहार: विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को झटका, जीतनराम मांझी ने छोड़ा साथ
क्या है खबर?
अक्टूबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में महागठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंक्षी जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने महागठबंधन से नाता तोड़ने का फैसला लिया है।
आज हुई पार्टी की कोर कमिटी की बैठक में ये फैसला लिया गया। माना जा रहा है कि HAM एक बार फिर से भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
नाराजगी
RJD से नाराज थे मांझी
NDA का मुकाबला करने के लिए बने महागठबंधन में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) समेत कई पार्टियां शामिल हैं। खबरों के अनुसार, मांझी की मुख्य नाराजगी RJD के साथ थी।
दरअसल, मांझी चाहते थे कि सीटों के बंटवारे समेत अन्य अहम मुद्दों पर फैसला लेने के लिए महागठबंधन की एक समन्वय समिति बनाई जाए। कांग्रेस समेत महागठबंधन की तमाम पार्टियां इसके पक्ष में थीं, लेकिन RJD उनकी इस मांग को लगातार दरकिनार कर रही थी।
आश्वासन
राहुल गांधी के आश्वासन के कारण अब तक टिके हुए थे मांझी
मांझी ने मामले को लेकर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से भी बात की थी और राहुल गांधी की तरफ से आश्वासन मिलने के कारण ही वह अब तक महागठबंधन में टिके हुए थे। हालांकि RJD के उनकी मांग को बार-बार अस्वीकार करने के बाद हाल ही में उन्होंने महागठबंधन को 20 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया था।
आज उनके अल्टीमेटम का अंतिम दिन था और उनकी पार्टी की कोर कमिटी ने महागठबंधन छोड़ने का फैसला लिया है।
अटकलें
जल्द ही NDA में शामिल हो सकते हैं मांझी
माना जा रहा है कि मांझी वापस NDA में जा सकते हैं और जल्द ही वह इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर सकते हैं। खबरों के अनुसार, मांझी की पार्टी HAM इस संबंध में पिछले कुछ महीनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) से बातचीत कर रही है।
JDU चाहती है कि HAM का फिर से JDU में विलय हो जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो दोनों पार्टियों में सीटों को लेकर समझौता हो सकता है।
नजदीकियां
हालिया समय में बढ़ी हैं मांझी और JDU की नजदीकियां
पिछले कुछ महीनों में मांझी और JDU की नजदीकियां बढ़ी हैं और सार्वजनिक बयानों में भी इसका नमूना देखने को मिला है। हाल ही में RJD के नीतीश कुमार पर दलितों की अनदेखी का आरोप लगाने पर मांझी उनके बचाव में आगे आए थे।
उनके इस बयान को JDU में उनकी वापसी से जोड़कर देखा गया था और अगर ऐसा होता है तो महादलितों के एक बड़े चेहरे के तौर पर JDU उनका फायदा उठा सकती है।
पृष्ठभूमि
पहले JDU में ही थे मांझी, इसलिए निकाले गए थे बाहर
बता दें कि अपनी अलग पार्टी बनाने से पहले मांझी JDU में ही हुआ करते थे। दरअसल, 2015 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने उन्हें कुछ समय के लिए बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन जब पद खाली करने की बारी आई तो मांझी ने इससे इनकार कर दिया जिसके बाद उन्हें JDU से बाहर निकाल दिया गया।
इसके बाद मांझी महादलित राजनीति में एक बड़ा चेहरा बनकर उभरे और जुलाई, 2015 में अपनी अलग पार्टी बना ली।
जानकारी
बिहार में अक्टूबर में होने हैं विधानसभा चुनाव
बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर अक्टूबर में चुनाव होने हैं। इन चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और JDU के NDA और RJD और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच है। कई नेता कोरोना वायरस महामारी के कारण चुनाव टालने की मांग भी कर रहे हैं।